दो से तीन सालों में सोने में 10 से 12 फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद

पीएनजी संस के निदेशक-सीईओ अमित मोडक ने कहा : सोने में निवेश को लंबी अवधि के लिए फायदेमंद बताया

    23-Oct-2022
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सिंहगढ़ रोड, 22 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
सोने के दाम रोज तय होते हैं. उस दिन का महत्वपूर्ण कारक सोने की कीमत को प्रभावित करता है. इसलिए निवेशकों को सोने को लंबी अवधि के निवेश के रूप में देखना चाहिए. यहां से अगले दो से तीन साल में सोने में दस से बारह फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद है. पीएनजी संस के निदेशक-सीईओ और कमोडिटी एक्सपर्ट अमित मोडक ने यह राय व्यक्त की है. पिछले कुछ दिनों से सोने-चांदी की कीमतों में लगातार बदलाव हो रहा है. विश्‍व स्तर पर अस्थिरता है. महंगाई बढ़ रही है. रुपये का अवमूल्यन हो रहा है. इस पृष्ठभूमि में, भविष्य में सोना-चांदी कैसे आगे बढ़ सकता है..? इस विषय पर अमित मोडक के साथ विशेष साक्षात्कार प्रस्तुत है.
 
 
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प्रश्‍न - वर्तमान में सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?
 
मोडक - दुनियाभर में हो रही कई घटनाओं के चलते सोने की कीमतें ऊपर-नीचे जा रही हैं. इसका एक प्रमुख कारण रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध है. चर्चा है कि समाधान निकाला जाएगा. लेकिन, कुछ दिनों से युद्ध के और तेज होने की संभावना बढ़ रही है. साथ ही चीन ने ताइवान को लेकर एक बार फिर खुलकर अपने रुख की घोषणा की है. इससे आशंका जताई जा रही है कि वैेिशक महंगाई का संकट और तेज हो जाएगा. यह मुद्रा को प्रभावित करेगा और साथ ही सोने की कीमत को प्रभावित करेगा. इसके अलावा फेडरल बैंक की ब्याज दर में बदलाव से भी सोने की कीमत ऊपर और नीचे जाती है.
 
प्रश्‍न - मुद्रास्फीति, मुद्रा विनिमय दर आदि का सोने पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
 
मोडक - रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध और अन्य अस्थिरता के कारण विश्‍व बाजार में तिलहन, कच्चे तेल, गेहूं जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई है. इसका असर यूरोप में दिखना शुरू हो गया है. ब्रिटेन में महंगाई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. अगर स्थिति बिगड़ती है तो विश्‍व बाजार में खाद्यान्न और तेल की कीमतें बढ़ेंगी. जिससे महंगाई बढ़ेगी. जिससे सोने की कीमत में वृद्धि होगी. दिसंबर- जनवरी के महीने में ब्रिटेन और यूरोप में मंदी का अनुमान है. इसका असर वैेिशक बाजार पर पड़ेगा. इसलिए सोने के दरों में तेजी आ सकती है. क्योंकि निवेशक वित्तीय अस्थिरता के दौरान एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं. नतीजतन, सोने की कीमत बढ़ जाती है. ऐसा पहले भी हो चुका है.
 
प्रश्‍न - क्या डॉलर के मजबूत होने से सोना गिरता है?
 
मोडक - डॉलर का डोलेक्स बढ़ रहा है. यह 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. डॉलर का विनिमय मूल्य अन्य मुद्राओं के मुकाबले बढ़ रहा है. इससे सोने की कीमत पर विपरीत असर पड़ सकता है. यानी वर्तमान में सोने को प्रभावित करने वाले सकारात्मक और नकारात्मक दोनों कारक मौजूद हैं. अमेरिका में फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ा रहा है. पिछली दो बैठकों में इनमें पौने-पौने प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अगर फेडरल रिजर्व आगामी बैठक में ब्याज दर में फिर से पौने फीसदी (यानी 75 पैसे) की बढ़ोतरी करता है तो सोने की कीमत गिर सकती है. क्योंकि, अगर डॉलर की मांग बढ़ती है, तो बांड यील्ड (रिटर्न) और डोलेक्स में वृद्धि होगी. इसका असर सोने पर पड़ सकता .
 
प्रश्‍न - अस्थिरता का दौर होने पर सोने की कीमत बढ़ जाती है. आपके इस बारे में क्या विचार हैं?
 
मोडक - महंगाई, युद्ध, डॉलर का मूल्य, फेडरल रिजर्व का अपेक्षित निर्णय, भले ही सब कुछ मान लिया जाए, फिर भी सोने की कीमत दैनिक आधार पर निर्धारित की जाती है. यह ध्यान में रखना चाहिए. साथ ही, सोने की कीमत उस समय जो भी कारक अधिक महत्वपूर्ण होता है, उससे प्रभावित होती है. यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की आशंका के बावजूद 10 अक्टूबर को सोने की कीमतों में तेजी आई. इससे यह देखा जा सकता है कि सोने की कीमत उस दिन के प्रभाव के अनुसार निर्धारित होती है. इसलिए निवेशकों को सोने को लंबी अवधि के निवेश के रूप में देखना चाहिए. यहां से अगले दो से तीन साल में सोने में दस से बारह फीसदी रिटर्न मिलने की उम्मीद है.