पुणे, 30 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) शहर के छह पुराने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) के नवीनीकरण के काम के लिए तीन निविदाएं प्राप्त हुई ह्ैं. इनमें से वेिशराज एन्वायरनमेंट प्रा. लि. की निविदा सबसे कम कीमत वाली है, अर्थात 1,332 करोड़ रुपये की. हालांकि, अमृत 0.02 योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार से 60% अनुदान प्राप्त होने और शेष राशि ठेकेदार द्वारा निवेश करने के लिए ‘हैम' पद्धति से निकाली गई यह निविदा नगर पालिका के लिए लंबी अवधि में बड़ा वित्तीय दायित्व उत्पन्न करने वाली है. इस पृष्ठभूमि में मनपा प्रशासन ने इस निविदा की पुन: जांच शुरू कर दी है और ठेकेदार से दर कम करने का अनुरोध किया जाएगा. मनपा ने पुराने 6 एसटीपी के नवीनीकरण के लिए निविदा जारी की थी. मई माह में जारी इस निविदा की प्री-बीड मीटिंग में 17 से अधिक ठेकेदार कंपनियां उपस्थित थीं. लेकिन टेंडर की शर्तों और नियमों के कारण केवल तीन कंपनियां ही पात्र ठहरी. इनमें वेिशराज एन्वायरनमेंट प्रा. लि. की निविदा 1,328 करोड़ रुपये की है. इसके अलावा, एन्वायरो कंट्रोल प्रा. लि. की 1,493 करोड़ रुपये का टेंडर और राजकमल बिल्डर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. की 1,577 करोड़ रुपये का टेंडर प्राप्त हुआ. इस टेंडर में दो पुराने एसटीपी प्लांट्स को ध्वस्त कर नए निर्माण और उसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग कर उनकी क्षमता बढ़ाना तथा शेष चार एसटीपी में मौजूदा संरचना को बनाए रखते हुए केवल आधुनिक तकनीक स्थापित करना शामिल है. नवीनीकरण के बाद छह एसटीपी की कुल क्षमता 89 एमएलडी बढ़ जाएगी. जो कंपनी यह कार्य पाएगी, उसे अगले 15 वर्षों तक रखरखाव और मरम्मत का कार्य भी करना होगा. मनपा ने इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य सरकार से अमृत 2 योजना के तहत अनुदान का अनुरोध किया था. केंद्र सरकार ने मई में और राज्य सरकार ने हाल ही में नवरात्र के पहले दिन इस योजना के तहत 842 करोड़ रुपये के एसटीपी परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस मान्यता के अनुसार, केंद्र सरकार 252 करोड़ और राज्य सरकार 210 करोड़ रुपये का अनुदान देगी. मनपा 20 करोड़ रुपये योगदान करेगी और शेष राशि यानी लगभग 350 करोड़ रुपये संबंधित ठेकेदार द्वारा निवेश की जाएगी. नवीनीकरण के बाद, मनपा क्रमिक रूप से संबंधित ठेकेदार का टेंडर के अनुसार भुगतान करेगी. मनपा ने पहले जायका कंपनी के माध्यम से केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान से 11 एसटीपी का कार्य पहले ही शुरू कर दिया है. ये सभी एसटीपी नए सिरे से स्थापित किए जाएंगे. 11 एसटीपी के लिए अनुमानित लागत 1,150 करोड़ रुपये थी. अब केवल छह में से दो नए एसटीपी बनाए जाएंगे और पुराने चार एसटीपी के ढांचे को बनाए रखते हुए केवल इलेक्ट्रो-मैकेनिक (अर्थात तकनीकी) उन्नयन करके क्षमता बढ़ाने के लिए 842 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है, जिससे बड़ा वित्तीय अंतर दिखाई देता है. विशेष रूप से, छह एसटीपी के नवीनीकरण में 15 वर्षों के रखरखाव और मरम्मत का कार्य भी शामिल होने के कारण ‘हैम' पद्धति की शर्तों के कारण मनपा को बड़ा वित्तीय बोझ उठाना पड़ सकता है. इस तरह 1,332 करोड़ रुपये की टेंडर मिलने के कारण प्रशासन चिंतित है.
एसटीपी कार्य के टेंडर की जांच जारी
छह एसटीपी के कार्य की टेंडर की जांच जारी है. प्राथमिक जांच में पता चला है कि निविदा अधिक दर वाली है. इस संबंध में प्रस्तुति मनपा आयुक्त के पास की जाएगी. केंद्र की अमृत 2 योजना के तहत 50% की बजाय 60% अनुदान प्राप्त करने के लिए ‘हैम' पद्धति का प्रस्ताव भेजा गया था. ‘हैम'पद्धति और मनपा द्वारा योजना लागू करने पर कितना अंतर पड़ता है, इसकी भी जांच की जा रही है. उसके अनुसार ठेकेदार से रक्कम कम करने का अनुरोध किया जाएगा. - पृथ्वीराज बी.पी., अतिरिक्त मनपा आयुक्त