आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा

हिंदू समाज को जोड़ने के लिए करेगा छह प्रमुख उत्सवों का आयोजन

    01-Oct-2025
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में, हिंदू समाज को संगठन से जोड़ने के उद्देश्य से पूरे वर्ष में छह प्रमुख त्योहारों का आयोजन करने जा रहा है. आरएसएस के पुणे विभाग सहप्रचार प्रमुख डॉ. सचिन वसंतराव लादे ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन उत्सवों को मनाने का उद्देश्य न केवल संघ को मजबूत करना है, बल्कि हिंदू धर्म और संस्कृति को भी बढ़ावा देना है. संघ द्वारा चुने गए ये छह उत्सव हिंदू समाज के लिए विशेष महत्व रखते हैं और पूरे भारत में मनाए जाते हैं. यह उत्सव किसी संस्थापक की जयंती या संगठन से जुड़ी किसी घटना पर आधारित नहीं हैं, बल्कि उन परंपराओं पर आधारित हैं जो हिंदू समाज को आपस में जोड़ती हैं. 
संघ द्वारा मनाए जाने वाले छह उत्सव
 
1. वर्ष प्रतिपदा (गुड़ी पड़वा)
2. हिंदू साम्राज्य दिवस (ज्येष्ठ शुद्ध तृतीया)
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिन
3. गुरु पूर्णिमा (आषाढ़ पूर्णिमा)
4. रक्षाबंधन (श्रावण पूर्णिमा)
5. विजयादशमी (दशहरा)
6. मकर संक्रांति (पौष मास
 
डॉ. लादे के अनुसार, इन उत्सवों के माध्यम से स्वयंसेवक घर-घर जाकर लोगों से संपर्क स्थापित करते हैं. मकर संक्रांति के दौरान, स्वयंसेवक लोगों को तिल-गुड़ देते हैं और भाईचारे का संदेश फैलाते हैं. वे ऐसे क्षेत्रों में भी जाते हैं जहां संघ की पहुंच कम है. उन्होंने कहा कि इन प्रयासों का हिंदुत्व के पक्ष में अनुकूलता लाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

VSDVD

डॉ. सचिन लादे
मोब.7588216526
[email protected]