तमिलनाडु में दवाओं की टेस्टिंग में लापरवाही बनी जानलेवा !

    11-Oct-2025
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तमिलनाडु में दवाओं की टेस्टिंग में लापरवाही बनीं जानलेवा. जांच में अधिकारियाें की भारी अनदेखी उजागर हुआ है. 1 लाख सैंपल में केवल 66 हजार ही जांचे गए. यह चाैंकाने वाला दावा कैग की ऑडिट रिपाेर्ट में आया है. ड्रग्स इंस्पे्नटराें ने दवा के सैंपल इकट्ठा करने में भारी लापरवाही की. सैंपल कले्नशन केवल 54 प्रतिशत ही रहा. टेस्टिंग जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया का पालन न किए जाने से जहरीली दवाएं मार्केट तक पहुंच गईंर् और कई बच्चाें की जान ले ली.विस्तार से प्राप्त खबराें के अनुसार तमिलनाडु में बने कफ सिरप काेल्ड्रिफ के कारण मध्य प्रदेश-राजस्थान में बच्चाें की माैत का मामला चर्चा में है. अब भारत के महालेखा परीक्षक की तमिलनाडु के पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रचर एंड मैनेजमेंट ऑफ हेल्थ सर्विस से जुड़ी एक रिपाेर्ट सामने आइहै.
 
कैग ने 10 दिसंबर 2024 की तमिलनाडु की पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रचर एंड मैनेजमेंट ऑफ हेल्थ सर्विस पर अपनी परफाॅर्मेंस ऑडिट (रिपाेर्ट) में बताया था कि राज्य में ड्रग इंस्पेक्शन (टेस्टिंग) में कमी देखी गई थी. साथ ही ड्रग्स (दवा) सैंपल कलेक्शन में भी कमी की गई थी. इधर, शुक्रवार काे सुप्रीम काेर्ट ने मध्य प्रदेश-राजस्थान में कफ सिरप से बच्चाें की माैत मामले में सीबीआई या ज्यूडिशियल जांच की मांग खारिज कर दी. सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ब्रीफ सुनवाई के बाद इस खारिज किया.एमपी के छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा में जहरीले कफ सिरप काेल्ड्रिफ के सेवन से अब तक 25 बच्चाें की माैत हाे चुकी है.सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्युटिकल का मालिक रंगनाथन 9 अक्टूबर काे चेन्नई से गिरफ्तार किया गया. उसे छिंदवाड़ा लाया गया है.