आर्मी इंस्टीट्यूशन ऑफ टेक्नाेलाॅजी (एआईटी), पुणे ने उत्कृष्टता की अपनी प्रतिष्ठा काे निरंतर बनाए रखा है. हाल के दिनाें में, संस्थान ने कई प्रतिष्ठित हैकाथाॅन जीतकर और बेहतरीन प्रदर्शन करके अपनी पहचान बनाई है. यह अनुशासन, दृढ़ संकल्प और उत्कृष्टता की सच्ची भावना काे दर्शाता है. एआईटी ने साइबरपीस के सहयाेग से प्रादेशिक सेना द्वारा आयाेजित एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय साइबर चैलेंज ‘भारतीय सेना टेरियर साइबर क्वेस्ट-2025’ में एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की है. एआईटी की टीम ने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी डेटाथाॅन ट्रैक में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जिसका उद्देश्य रक्षा क्षेत्र के लिए वास्तविक समय में खतरे की भविष्यवाणी और विसंगति पहचान समाधान विकसित करना था.प्रतिभागी एआईटी टीम ने ‘खतरे का पता लगाने के लिए क्वांटम मशीन लर्निंग’ विषय पर अपने अत्याधुनिक समाधान से निर्णायक मंडल काे प्रभावित किया.
डेटाथाॅन ट्रैक में जाेरदार भागीदारी देखी गई और पूरे भारत से 6,300 से अधिक समाधान प्राप्त हुए, जिनमें आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानाें की टीमाें के साथ-साथ शीर्ष कंपनियाें के कार्यरत पेशेवर भी शामिल थे.एआईटी टीम की जीत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण उभरती प्राैद्याेगिकियाें में संस्थान की उत्कृष्टता काे दर्शाती है.6 और 7 अक्टूबर काे दिल्ली कैन्टाेंमेंट के वार्डन सेंटर में 36 घंटे का यह उच्चतीव्रता वाला हैकाथाॅन आयाेजित किया गया. परिणाम 8 अक्टूबर काे घाेषित किए गए, जहां टीम काे प्रादेशिक सेना के महानिदेशक मेजर जनरल एस. एस. पाटिल द्वारा तुरंत 1 लाख रुपये का पुरस्कार चेक प्रदान किया गया. अपनी जीत के बाद, टीम काे 9 अक्टूबर काे दिल्ली के रक्षा मंत्रालय के साउथ ब्लाॅक स्थित 129 डी काॅन्फ्रेंस हाॅल में आयाेजित एक समाराेह में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के हाथाें प्रतिष्ठित मिलेनियल ट्राॅफी प्रदान की गई.