बिहार विधानसभा चुनाव काे लेकर एनडीए ने सीट शेयरिंग की घाेषणा कर दी है. बीजेपी 101 सीटाें पर चुनाव लड़ेगी, वहीं जदयू 101 सीटाें पर लड़ने जा रही है. जबकि चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) 29 सीटाें पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम माेर्चा (हम) काे 6 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम काे 6 सीटें दी गई हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 110 सीटाें पर लड़ी थी, उसे 74 पर जीत मिली थी. वहीं जेडीयू 115 सीटाें पर लड़ी थी और 43 सीटाें पर जीती थी.
2020 का चुनाव तत्कालीन लाेक जनशक्ति पार्टी (लाेजपा) ने अकेले लड़ा था.
पार्टी ने 135 सीटाें पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. हालांकि एक सीट पर ही जीत मिली थी. लाेजपा ने खासताैर से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रत्यक्ष रूप से नहीं लड़ा. हालांकि जून 2021 में लाेजपा में टूट हुई और पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लाेक जनशक्ति पार्टी (रालाेजपा) बनी, जबकि चिराग की पार्टी लाेजपा (रामविलास) है, जाे इस बार के चुनाव में एनडीए का हिस्सा है. पशुपति की पार्टी के महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी, राष्ट्रीय लाेक समता पार्टी (ठङडझ), ने 99 सीटाें पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन पार्टी काे काेई सीट नहीं मिली.
रालाेसपा ने 2020 के चुनाव में महागठबंधन (जाे राजद और कांग्रेस के साथ था) काे छाेड़कर ग्रैंड डेमाेक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट बनाया था. इसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी जनता दल डेमाेक्रेटिक, और अन्य छाेटी पार्टियां शामिल थीं.इस बार कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लाेक माेर्चा एनडीए का हिस्सा हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के हिस्सा थी. पार्टी ने 11 सीटाें पर चुनाव लड़ा था. वीआईपी काे बीजेपी ने अपनी 121 सीटाें के काेटे में से 11 सीटें दी थीं. इन 11 सीटाें में से वीआईपी ने 4 सीटाें पर जीत हासिल की थी. मुकेश सहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन वे हार गए थे. बाद में वीआईपी के चाराें विधायक बीजेपी में शामिल हाे गए. इस बार वीआईपी महागठबंधन का हिस्सा है. मुकेश सहनी कई बार खुद काे डिप्टी सीएम का दावेदार बता चुके हैं.