वधर्मान एजुकेशन एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे का चतुर्थ दीक्षांत समारोह भव्यता से संपन्न

प्राकृत एवं जैन स्टडीज के क्षेत्र में अग्रणी संस्था ने बनाया नया कीर्तिमान

    13-Oct-2025
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पुणे,12 अक्टूबर (आ.प्र.)

वर्धमान एजुकेशन एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे का चतुर्थ दीक्षांत समारोह 8 अक्टूबर 2025 को बड़े हर्ष, उल्लास और गरिमा के साथ संपन्न हुआ्‌‍. संस्था ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि वह प्राकृत एवं जैन स्टडीज के क्षेत्र में न केवल देश, बल्कि विदेशों में भी अपनी विशेष पहचान बना चुकी है. सन 2015 में स्थापित वर्धमान एजुकेशन एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट पिछले एक दशक से प्राकृत एवं जैन स्टडीज के अध्यापन, संशोधन और शोध कार्य में निरंतर सक्रिय है. संस्था के पास 30,000 से अधिक ग्रंथों का समृद्ध और आधुनिक ग्रंथालय है, जो विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए ज्ञान का अनुपम भंडार है. संस्था द्वारा चखढ ऊढ वेिशविद्यालय, पुणे और वेिशकर्मा वेिशविद्यालय, पुणे के संयुक्त तत्वावधान में इ. अ., चअ तथा झह.ऊ. (प्राकृत एवं जैन स्टडीज) के पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं- अब तक 103 विद्यार्थियों ने सफलतापूर्वक डिग्री प्राप्त की है, जबकि 106 विद्यार्थी वर्तमान में अध्ययनरत हैं. इसके साथ ही संस्था में प्राकृत, संस्कृत, ब्राह्मी लिपि, देवनागरी लिपि, इंग्लिश स्पीकिंग जैसे कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें अब तक 1000 से अधिक छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके ह्‌ैं‍. संशोधन वृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संस्था ने वेिशकर्मा वेिशविद्यालय, पुणे और जैन वेिशविद्यालय, बेंगलुरु के सहयोग से झह.ऊ. प्रोग्राम आरंभ किया है, जिसमें वर्तमान में 21 शोधार्थी सक्रिय ह्‌ैं‍. उनके मार्गदर्शन हेतु 3 रिसर्च गाइड और 1 रिसर्च डायरेक्टर कार्यरत हैं.
 
पद्मश्री आचार्य चंदनाजी मसा का रहा सांनिध्य

यह समारोह पद्मश्री आचार्य चंदनाजी म.सा., प.पू. शिल्पाजी म.सा. एवं प.पू. सुशीलाजी म.सा. आदि ठाणा के पावन सांनिध्य एवं आशीर्वचन में संपन्न हुआ. इस अवसर पर नेपाल, पोखरा में मानवरत्न पुरस्कार से सम्मानित विलास राठोड का विशेष सत्कार किया गया. इनके साथ ही प्रो. महेश देसाई और जीतू तातेड़ का सम्मान किया गया. ट्रस्टीगण राजकुमार चोरडिया (प्रवीण मसालेवाले), श्री कुंदनमल दरडा, विमल बाफना, निर्मला छाजेड, ललिता ओस्तवाल, सौ. सुषमा लुंकड, निर्मला कांकरिया तथा प्रो. डॉ. कमलकुमार जैन, अनिल नहार, सुनील नहार सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे. दोपहर के सत्र में सभी अतिथि और विद्यार्थी वेिशकर्मा वेिशविद्यालय, कोंढवा पहुंचे, जहाँ दीक्षांत समारोह का दूसरा सत्र संपन्न हुआ. वेिशकर्मा यूनिवर्सिटी के चेयरमैन भरत अग्रवाल की उपस्थिति में विद्यार्थियों को डिग्री प्रमाणपत्र प्रदान किए गए.बी.ए. की छात्रा शिल्पा मुथा को इस वर्ष का गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. एम.ए. डिग्री होल्डर्स (प्राकृत एंड जैन स्टडीज) में सौ. अर्चना लुणावत, दर्शना जैन, अल्पना बोरा, मंजू जैन, चंचल कोठारी, साधना रांका, शीतल पारख, ममता कांकरिया, स्मिता जैन, संगीता नहार, सोनल जैन, मनीषा भटेवरा, तनुजा लुणावत, सुजाता शिंगवी, प्रियाली जैन, आस्था जैन, सौ. सुनीता शिंगी, शीतल कटारिया, सुजाता लुणावत शामिल थीं तथा बी.ए. डिग्री होल्डर्स (प्राकृत एण्ड जैन स्टडीज) अमिता कवाड, सीमा रेदासनी, उज्ज्वला पारख, सुजाता शहा, मीनल पारख, वर्षा छाजेड़, स्वाति कटारिया, शिल्पा मुथा, वंदना वोरा, सपना जैन, निकिता जैन, नेहा भंडारी तथा राहुल भंडारी शामिल थे.  
 
समारोह में आध्यात्मिकता और प्रेरणा का संगम

दीक्षांत समारोह का आयोजन वर्धमान प्रतिष्ठान, सेनापति बापट रोड, शिवाजीनगर स्थित सभागृह में प्रातः 9 बजे से आरंभ हुआ्‌‍. कार्यक्रम की शुरुआत जैन राष्ट्रगान, मंगलाचरण और स्वागत गीत से हुई, जिससे वातावरण भक्ति और उल्लास से भर गया. मुख्य समन्वयक एवं ट्रस्टी सौ. अर्चना अमोल लुणावत ने संस्था का परिचय और कार्य-परिचय प्रभावी रूप में प्रस्तुत किया. विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए तथा अध्यापकों का सत्कार एवं आभार समारोह भी आयोजित हुआ. संस्था के सचिव विलास राठोड ने संस्था की आगामी योजनाओं, नवनिर्माण कार्यों और भविष्य की गतिविधियों की जानकारी साझा की. कार्यक्रम में प्रख्यात विद्वान प्रो. डॉ. श्रेयांसकुमार जैन (बड़ौत) और डॉ. दिलीप ओक (चेयरमैन, ओक अकादमी) उपस्थित थे.