नवी पेठ, 15 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) जब अन्य राजनीतिक दल बेरोजगारी पर केवल चर्चा कर रहे हैं, तब आम आदमी पार्टी (आप) महाराष्ट्र की जनता के लिए, जो गाली-गलौज वाले राजकारण से त्रस्त हो चुकी है, एक सकारात्मक दिशा देने वाली ठोस रोजगार योजना लेकर आई है. पार्टी ने घोषणा की है कि वह स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव पूरी ताकत से और अपने दम पर लड़ेगी. लोगों को रोजगार और महंगाई से राहत दिलाना ‘आप' का मुख्य मुद्दा रहेगा. मनपा में सत्ता मिलने पर 10 हजार लोगों को रोजगार देने का पार्टी का संकल्प होने की जानकारी शहराध्यक्ष सुदर्शन जगदाले ने पत्रकार-वार्ता में दी. इस वक्त महिला अध्यक्षा सुरेखा भोसले, अजय मुनोत, निरंजन अडागले, प्रशांत कांबले, अँन अनिश, किरण कद्रे, अक्षय शिंदे, बालाजी कंठेकर आदि उपस्थित थे. आप की ओर से स्पष्ट किया गया कि मनपा में सत्ता हासिल करने के बाद आदमी पार्टी का उद्देश्य है कि कम शिक्षित लोगों को भी सम्मानपूर्वक जीवन जीना चाहिए. इसके लिए खासतौर पर 10,000 पार्टटाइम रोजगार देने का मानस है. इस योजना के तहत प्रतिदिन 2 से 3 घंटे के काम के लिए प्रति माह 10,000 रुपये का मानधन दिया जाएगा. इस योजना में किसी प्रकार की शिक्षा की शर्त नहीं है. केवल लिखना-पढ़ना आना पर्याप्त है. पुरुष, महिला, युवक, युवती, सेवानिवृत्त, बेरोजगार, वकील, पत्रकार, राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति और तृतीयपंथी सभी पात्र रहेंगे. इच्छुक उम्मीदवारों को aappune. org वेबसाइट पर जाकर अपना डिजिटल रोजगार कार्ड स्वयं तैयार करना होगा. इसके लिए कोई शुल्क, परीक्षा या दलाल प्रणाली नहीं है. किसी को भी पैसे देने की आवश्यकता नहीं है. केवल वेबसाइट पर दिए गए अधिकृत कॉन्टैक्ट से ही संपर्क साधना होगा. जरूरतमंदों को इंटर्नशिप (नौकरी संबंधित प्रशिक्षण) भी दी जाएगी. एक घर से केवल एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक घरों तक लाभ पहुंचे. दिल्ली और पंजाब में बड़े पैमाने पर रोजगार देने के बाद ‘रोजगार' विषय आम आदमी पार्टी के लिए अहम विषय बन गया है. योजना पर विश्वास दर्शाते हुए, ‘आप' के उम्मीदवार वीडियो शपथ लेकर यह वचन देंगे कि यदि रोजगार नहीं दिया गया, तो वे स्वयं जेल जाने को तैयार रहेंगे. विशेष रूप से, इस रोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए जनता पर किसी भी प्रकार का आर्थिक भार नहीं डाला जाएगा. टैक्स बढ़ाया नहीं जाएगा, कोई नया टैक्स लगाया नहीं जाएगा और न ही कर्ज लिया जाएगा. मौजूदा टैक्स राजस्व से ही नागरिकों को डोर-स्टेप गवर्नेंस और अनेक सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा.