गुलटेकड़ी,15 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
इस साल की दिवाली और भी स्वादिष्ट होने वाली है, क्योंकि दिवाली के नमकीन, नाश्ते के रूप में चिवड़ा, लड्डू और अन्य व्यंजन बनाने में इस्तेमाल होने वाली चना दाल सस्ती हो गई है. पिछले साल होलसेल बाजार में चना दाल 85 से 94 रुपये प्रति किलो बिक रही थी. सभी लागत और मुनाफे को मिलाकर, रिटेल बाजारों में दाल की कीमत 100 रुपये प्रति किलो थी. हालांकि, इस साल 15 से 20 रुपये प्रति किलो की गिरावट के कारण, होलसेल बाजार में चना दाल की कीमत फिलहाल 72 से 76 रुपये प्रति किलो है. दिवाली बस कुछ ही दिन दूर है. इस साल चना दाल की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे दिवाली और भी नमकीन होने की संभावना है. अगर हम पिछले साल से तुलना करें, तो आम उपभोक्ताओं को राहत देने वाली कीमतें देखने को मिल रही हैं. इसके साथ ही, मूंग और उड़द दाल जैसी अन्य दालों की कीमतों में भी 4 से 5 रुपये की कमी आई है. पिछले कुछ महीनों से आम लोग महंगाई की मार झेल रहे हैं. हालांकि, दिवाली के मौके पर दालों के सस्ते होने की खबर उन्हें खुश कर रही है.
मांग के मुकाबले आपूर्ति भी अच्छी
पिछले साल की तुलना में दिवाली पर दाल की कीमतों में 15 से 20 रुपये प्रति किलो की कमी आई है क्योंकि मांग के मुकाबले आपूर्ति भी अच्छी है. इसलिए, इस साल त्यौहारी सीजन में अन्य दालों के साथ चना दाल भी सस्ती हो गई है. विदेशों से चना भरपूर मात्रा में आ रहा है. स्टॉक भरपूर होने से कीमतों में गिरावट आई है. यह आम लोगों के लिए राहत की बात है. - आशीष नहार, दालों के होलसेल विक्रेता
दिवाली के बाद असली तस्वीर साफ होगी
पिछले साल इसी अवधि में बाजार में अरहर दाल की कीमत 150 से 160 रुपये प्रति किलो थी. इस साल यही कीमत घटकर 85 से 105 रुपये प्रति किलो रह गई है. उत्पादन बढ़ा है. इसके अलावा, आयात भी बड़ी मात्रा में हो रहा है. इस वजह से, इस समय कीमतों में गिरावट आई है. फिलहाल कीमतों में अस्थिरता है. आयात शुल्क बढ़ाने की भी मांग हो रही है. हालांकि, चर्चा है कि बिहार चुनाव खत्म होने तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. इसलिए, दिवाली के बाद असली तस्वीर साफ होने की संभावना है. - विजय राठौड़, मे. मूलचंद एंड संस
आयात बढ़ने से दाल की प्रर्याप्त आपूर्ति
इस वर्ष उत्पादन बढ़ा है. आयात भी बढ़ा है. इस कारण बाजार में दाल की प्रचुर आपूर्ति है. इस कारण दाल की कीमतें घटकर स्थिर हो रही हैं. अन्य दालों की तुलना में चना दाल उपभोक्ताओं के लिए सस्ती हो रही है. सभी दालों के दाम पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत कम हैं. इस कारण लोगों की दिवाली अच्छी रहेगी. - मुकेश छाजेड़, मे. शांताई सेल्स
आयात नीति पर भविष्य निर्भर
इस साल लगभग सभी प्रकार की दालों की कीमतों में गिरावट आई है. इससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा. इस साल बेमौसम बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. नई फसल कम हो सकती है. इसलिए, आने वाले समय में कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है. भविष्य की कीमतें सरकार की आयात नीति पर निर्भर करेंगी. - नरेन अग्रवाल, मे. साईबाबा ट्रेडिंग कंपनी