हम लगभग पंद्रह वर्षों से सूखे मेवों के खाली डिब्बे बेचने के व्यवसाय में हैं. ये राजस्थानी शैली के हस्तनिर्मित, स्वदेशी, प्लाईवुड के सजावटी डिब्बे हैं. ये डिब्बे राजकोट में बनते हैं. लकड़ी के डिब्बे में कांच के जार वाले डिब्बे की इस साल अच्छी मांग है. लोग घरेलू उपयोग और त्यौहारों पर उपहार के रूप में इन डिब्बों को पसंद कर रहे हैं. इसके लिए हमारे पास 150 रुपये से लेकर 700 रुपये तक की रेंज में सभी उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनमें से 250 से 350 रुपये की रेंज वाले डिब्बे अयादा बिकते हैं. लोग मुख्य रूप से आकर्षक पैकिंग और डिजाइन चाहते हैं. कुछ लोग हमसे खाली डिब्बे लेते हैं. बाद में, वे मिठाई या अन्य दुकानों पर इनमें सूखे मेवे, मिठाइयां, चॉकलेट भरकर उपहारस्वरूप देते हैं. इस वर्ष, इस वस्तु पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने के कारण भी बिक्री में वृद्धि हुई है. पिछले कुछ वर्षों पर गौर करें तो दिवाली के दौरान ऐसे ड्राई फ्रूट बॉक्स की बिक्री में आमतौर पर हर साल 25% की बढ़ोतरी देखी जा रही है. शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में इसकी मांग खास तौर पर अयादा है. अगर मध्यम वर्ग के लिए किफायती दाम और रेंज उपलब्ध हो, तो लोगों का उत्साह और भी बढ़ जाता है. ये राजस्थानी बॉक्स शादी-ब्याह के बाद के समारोहों में निमंत्रण के साथ उपहार बॉक्स के रूप में दिए जाते हैं. कुछ लोग इन बॉक्स को रिटर्न गिफ्ट के रूप में भी देते हैं. - कांतिलाल सुराणा, सुराणा गिफ्ट हाऊस, रविवार पेठ
आकाश कंदील का महत्व आज भी बना हुआ है
दिवाली मनाते समय आकाश कंदील का महत्व आज भी बना हुआ है. आकाश कंदील हर घर में लगाया जाता है. इसकी खरीदारी नवरात्रि से ही शुरू हो जाती है. इस साल बारिश बहुत अयादा हुई, जिससे ग्राहकों और विक्रेताओं दोनों के मन में डर का माहौल था. स्वाभाविक रूप से, शुरुआती दौर में आकाश कंदील की खरीदारी में कुछ कमी आई है. खासकर ग्रामीण इलाकों में आकाश कंदील की संख्या में कमी देखी गई है. हमारे पास लगभग 40 रुपये से लेकर 900 रुपये तक के आकाश कंदील उपलब्ध हैं. इनमें 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक के आकाश कंदील सबसे अयादा बिकते हैं. इस साल होलोग्राम, फ्रेम पैटर्न और मखमली रेडीमेड आकाश कंदील की सबसे अयादा मांग रही. आकाश कंदील लोगों के लिए एक आकर्षण का विषय है, जिसके कारण इसकी हर साल बिक्री होती है. हालांकि, इस साल इसकी मात्रा थोड़ी कम हुई है. हमारा होलसेल व्यापार कोजागिरी तक चलता है. क्योंकि, उसके बाद छोटे व्यापारी कंदील लेकर अपना रिटेल व्यापार शुरू करते हैं. लेकिन इस साल खासकर लगातार बारिश के कारण, आकाश कंदील के स्टॉल लगाने वाले छोटे व्यापारियों की संख्या भी इस साल कुछ कम हुई है. बारिश के कारण कागज के कंदील भीग जाते हैं, इससे नुकसान होता है. इसलिए, कई छोटे व्यापारी स्टॉल नहीं लगा पाए. हालांकि, यह जशर महसूस किया गया कि कुल कारोबार पिछले साल की तुलना में कम है. लेकिन, अब बारीश रुकने के बाद माहौल अच्छा बन गया. - अभिजीत बांगड़, मे. आर. एन. बांगड़, तंबाखू
आली सुगंधित पूजा सामग्री के लिए वन स्टॉप सोल्यूशन
हम ग्राहकों की पसंद, खासकर पूजा सामग्री, को ध्यान में रखकर वन स्टॉप सोल्यूशन देने का प्रयास करते हैं. इसमें पूजा सामग्री और उससे जुड़ी अन्य वस्तुएं, जैसेकि धूप, अगरबत्ती कपूर, चंदन, अष्टगंध, इत्र और पूजा सामग्री जैसी अन्य वस्तुएं शामिल हैं.इस साल हम पवित्र जल नामक एक उत्पाद लेकर आए हैं, जो रूम फ्रेशनर से अलग है. यह इस साल हमारा मुख्य उत्पाद है, जो ऑर्गेनिक और चार सुगंधों में लॉन्च किया गया है. लोग रासायनिक या अल्कोहल आधारित घोल नहीं चाहते थे, इसलिए हमारे इस प्रोडक्ट की अच्छी मांग है. इसके अलावा, हम चंदन के पेस्ट के रूप में एक उत्पाद लाया है. धूप के अलग-अलग पहलू हैं, जिनमें लेमनग्रास और यूकेलिप्टस जैसी आधुनिक सुगंधें शामिल हैं, जिनकी कई लोगों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी. नई पीढ़ी के लिए वेस्टर्न फ्रेगरंस, जिनमें गुच्ची फ्लोरा, कोलोन, केविन फ्रेश जैसी सुगंधें शामिल हैं. इसके पीछे का विचार एंशंट रेसिपी विद मॉडर्न टच, है. तुलसी लैवेंडर नामक तुलसी अगरबत्तियां इस साल चलन में हैं. गौ-वेद गुग्गुल सांबर और धूप कप को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. पूजा सामग्री और संबंधित वस्तुओं की बिक्री हर साल लगभग दस से बारह प्रतिशत बढ़ रही है. इस वर्ष, हमारा अनुमान है कि यह बिक्री 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. इसके अलावा, कस्टमाइज्ड कॉर्पोरेट फेस्टिवल लुक के गिफ्टिंग हैम्पर्स भी तैयार किए गए हैं. ये रूप में आध्यात्मिक उत्पाद हैं, जिन्हें ग्राहक दिवाली खत्म होने के बाद भी याद रखेंगे. - दर्शन सुगंधी, मे. सी. एच. सुगंधी एंड संस
भारतीय उत्पादों की पैकेजिंग अब बेहद आकर्षक
दिवाली के लिए घर पर ही स्नैक्स और नमकीन बनाने के साथ साथ रेडीमेड स्नैक्स और चिवड़ा अयादा पसंद किए जा रहे हैं. चॉकलेट और कैडबरी का क्रेज अब कम होने के साथ साथ कई ग्राहकों को बिस्कुट या कुकीज नहीं, बल्कि भारतीय उत्पाद चाहिए. भारतीय उत्पादों की पैकेजिंग अब बेहद आकर्षक हो गई है, जो ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. दिवाली के दौरान, हमारे व्यवसाय में बिक्री लगभग तीन गुना बढ़ जाती है, क्योंकि इस उत्पाद, चिवड़ा की शेल्फ लाइफ अच्छी होती है. गणेश चतुर्थी से पहले इसे पहले अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और अन्य देशों में निर्यात किया जाता है. बाद में दिवाली तक महाराष्ट्र के बाहर और पुणे में बिक्री पर जोर दिया जाता है. दिवाली के दौरान पतले पोहा चिवड़ा की सबसे अयादा मांग होती है. चिवड़ा एक ऐसा उत्पाद है जिसका सेवन घर पर तो किया ही जाता है, साथ ही उपहार के रूप में भी किया जाता है. इसलिए हमने आकर्षक पैकेजिंग के साथ चिवड़ा के गिफ्टिंग हैम्पर्स तैयार किए हैं, जो 200 रुपये से लेकर 1,500 रुपये तक उपलब्ध हैं. इसके अलावा, इस साल से काजू कतली, बेसन के लड्डू, मैसूर पाक, मोतीचूर के लड्डू जैसी मिठाइयां भी पेश की हैं. जीएसटी में कमी से कीमतें लगभग छह प्रतिशत कम हैं. लोग लगभग 500 रुपये से 700 रुपये के बीच खरीदारी करते हैं. हमारे पास चिवड़ा की आठ किस्में हैं, जिनमें पोहा, मक्का और बटाटा चिवड़ा सबसे अयादा मांग में हैं. - प्रशांत बाबूलाल डाटा, मे. बाबूज् लक्ष्मी नारायण चिवड़ा, भवानी पेठ