आस्था के महापर्व छठ की शुरूवात भारी उत्साह एंव श्रद्धा के साथ हुई. यूपी- बिहार में गंगा तटाें और घाटाें पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा.महिलाओं ने पूरी आस्था के साथ महापर्व के पहले दिन पूजा-अर्चना की. नदियाें-तालाबाें पर लाेगाें का तांता लगा रहा. मुंबई, पुणे, दिल्ली और काेलकाता सहित महानगराें भी में नहाय-खाय के साथ छठ की शुरूवात हुई. काशी के घाटाें पर पैर रखने की जगह नहीं रही. पीएम माेदी और सीएम नितीश कुमार सहित तमाम नेताओं ने शुभकामनाएं दीं. आस्था का यह महापर्व चार दिनाें तक जारी रहेगा.बिहार में सूर्याेपासना का चार दिवसीय महापर्व कार्तिक छठ नहाय-खाय के साथ शुरू हाे गया है.लाेक आस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत शनिवार काे नहाय-खाय के साथ हाे गई है.
छठ के पहले दिन व्रती नर-नारियाें ने अंत:करण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियाें-तालाबाें के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद अरवा भाेजन ग्रहण कर इस व्रत काे शुरू किया. ुबह से ही गंगा नदी, तालाब, पाेखर आदि में व्रती स्नान करते देखे गए.परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टाें के निवारण के लिए किये जाने वाले इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व काे करने के लिए किसी पुराेहित (पंडित) की आवश्यकता नहीं हाेती है.महापर्व छठ के दूसरे दिन महिला एवं पुरुष व्रती कल एक बार फिर नदियाें, तालाबाें में स्नान करने के बाद अपना उपवास शुरू करेंगे. दिनभर के निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त हाेने पर भगवान सूर्य की पूजा कर एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खायेंगे. इसके बाद जब तक चांद नजर आयेगा तभी तक वह जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार-निर्जला व्रत शुरू हाे जायेगा.