सीएसआईआर-एनसीएल में हिंदी पखवाड़ा संपन्न

राजभाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन

    03-Oct-2025
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पाषाण, 1 अक्टूबर
(आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
सीएसआईआर-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल) में 17 से 29 सितंबर तक आयोजित राजभाषा हिंदी पखवाड़ा समारोह उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ. हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने की दृष्टि से विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताएं एवं गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें एनसीएल के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शोध छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. इस दौरान हिंदी निबंध प्रतियोगिता, शुद्ध लेखन प्रतियोगिता, काव्यपाठ प्रतियोगिता, शब्द ज्ञान प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, हिन्दी कार्यशाला की गई. इसके बाद 29 सितंबर को हिंदी पखवाड़ा पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया.
 
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दै. आज का आनंद के मुख्य संपादक आनंद अग्रवाल तथा कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में निदेशक डॉ. आशीष लेले सहित हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. सुरेश भट, (मुख्य वैज्ञानिक), कनिका गोयल (प्रशासनिक नियंत्रक) एवं कौशल कुमार (प्रशासनिक अधिकारी) उपस्थित रहे. कार्यक्रम का सूत्र संचालन वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी डॉ. स्वाति चढ्ढा एवं दयाल राम सैनी (सहायक अनुवाद अधिकारी) ने किया.
 
इस अवसर डॉ. सुरेश भट ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि एनसीएल में हिंदी पखवाड़ा समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया गया. कार्यक्रम में स्टाफ सदस्यों के साथ-साथ विद्यार्थियों ने भी अत्यंत उत्साहपूर्वक भाग लिया. यह वास्तव में प्रसन्नता की बात है. इसके बाद कनिका गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी भाषा केवल भारत की पहचान ही नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक भी है. सरल, सहज और सुगम होने के साथ-साथ हिंदी को वेिश की सबसे वैज्ञानिक भाषाओं में गिना जाता है. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित आनंद अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी अत्यंत समृद्ध भाषा है. अंग्रेजी भाषा के 10,000 शब्दों के मुकाबले हिन्दी के मूल शब्द 2.5 लाख से भी ज्यादा है. इसका इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है तथा विश्वस्तर पर अत्यंत लोकप्रिय भाषा के रूप में स्थापित है.
 
देश के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले समाचार पत्रों में पहले 6 समाचार पत्र हिंदी भाषा के हैं. भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली और जनमानस के संपर्क का माध्यम बनने वाली यह एक ऐसी भाषा है जो अपने आप में हमारी एकता और अखंडता को समेटे हुए हैं. कार्यक्रम के अध्यक्ष निदेशक डॉ. आशीष लेले ने कहा कि हिन्दी हमारे राष्ट्र की भाषा है, हमारे देश की पहचान है. आज दुनिया में 50 से भी अधिक देशों में हिन्दी भाषा का प्रयोग होता है तथा दुनिया के 200 से अधिक विद्यापीठों में हिन्दी पढ़ाई जाती है. वैेिशक स्तर की 25 से अधिक विदेशी मैगजीन रोजाना हिन्दी में प्रकाशित की जाती है. कार्यक्रम के अंत में कौशल कुमार और प्रशासनिक अधिकारी ने आभार व्यक्त किया. संपूर्ण आयोजन में हिंदी पखवाड़ा समिति के अध्यक्ष डॉ. सुरेश भट तथा सदस्य कौशल कुमार, डॉ. बाबुल प्रसाद एवं रत्नमाला वलवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.