पुणे, 30 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क), जिन्हें राजनीति समझ में आती है, उन्हें यह पता है कि भाजपा इस्तेमाल कर फेंक देने वाली पार्टी है. केंद्रीय गृह मंत्री मुंबई आकर कहते हैं कि महाराष्ट्र में भाजपा को किसी की बैसाखी की जरूरत नहीं है. इसका अर्थ यह है कि अब अजित दादा और एकनाथ शिंदे की भाजपा को जरूरत नहीं रह गई है. इसलिए 2029 से पहले अजित दादा और एकनाथ शिंदे के पास ‘घर वापसी' के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा, वे ‘स्वगृह' लौटेंगे. ऐसा अनुमान विधायक रोहित पवार ने जताया. फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने के संदर्भ में भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत पर रोहित पवार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसी पृष्ठभूमि पर पवार ने गुरुवार को महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन कार्यालय परिसर में मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजनीति जिन्हें समझ में आती है, उन्हें ‘ऑपरेशन लोटस' जब हुआ था, तब ही यानी तीन साल पहले यह पता चल गया था कि भाजपा शिवसेना और राष्ट्रवादी का केवल इस्तेमाल करने वाली है. इस्तेमाल होने के बाद उन्हें फेंक दिया जाएगा. अमित शाह ने कहा कि अब बैसाखियों की जरूरत नहीं है. दूसरी ओर अजित दादा और एकनाथ शिंदे के नेता भाजपा में जा रहे हैं. इसलिए दोनों के पास 2029 तक स्वगृह लौटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो दिन पहले कहा कि मैंने पैन कार्ड तैयार किया है. शायद उन्हें आधार कार्ड कहना था. मुख्यमंत्री के बोलने के दो घंटे के भीतर भाजपा कार्यकर्ता ने मामला दर्ज कर दिया. मैंने यह दिखाया कि मत चोरी कैसे की जाती है, उस पर मैंने प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया, तो इस पर कैसे मामला दर्ज हो सकता है. पुलिस ने कहा होगा कि यह अपराध नहीं बनता, इसलिए दर्ज एफआईआर में मेरा नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया. लेकिन, समग्र परिस्थिति देखते हुए, मेरे खिलाफ सीधे मामला दर्ज किया जा सकता है. दर्ज मामले में पंद्रह दिनों तक जांच चलेगी. इसमें झूठे दस्तावेजों का दुरुपयोग करना, मानहानि करना, धार्मिक और जातीय विवाद पैदा करना, सार्वजनिक शांति भंग करना, उकसाना जैसी धाराएं लगाई गई हैं. उन्होंने कहा कि वे हमारे खिलाफ जितने भी मामले दर्ज करें, हम डरने वाले नहीं हैं, उनकी धमकियों की परवाह नहीं करेंगे.  
 
 वीएसआई को बदनाम करने की साजिश  रोहित पवार ने कहा कि वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट एक प्रतिष्ठित संस्था है. पिछले वर्ष का लेखा-जोखा दिए बिना अगले वर्ष का अनुदान नहीं मिलता. ऐसा होते हुए भी संस्था की जांच के आदेश दिए गए हैं. दूसरी ओर मुख्यमंत्री कहते हैं कि आदेश नहीं दिए. इस माध्यम से संस्था को बदनाम करने की साजिश रची गई है.     तब तक चुनाव का बहिष्कार किया जाए  निर्वाचन आयोग भाजपा का एक विभाग बन गया है, मत चोरी हो रही है. जब तक वीवीपैट नहीं आता, मतदाता सूचियां ठीक नहीं की जातीं, तब तक सभी विपक्षी दलों को आने वाले प्रत्येक चुनाव का बहिष्कार करना चाहिए.