सोमवार (6 अक्टूबर) को सोने और चांदी की कीमतें एक बार फिर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गईं. 6 अक्टूबर को उपभोक्ताओं को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने के लिए 1,19,500 रुपये (जीएसटी सहित 1,23,085) और एक किलो चांदी के लिए 1,50,500 (जीएसटी सहित 1,55,000) रुपये चुकाने पड़े.पिछले चार दिनों पर गौर करें तो सोने में करीब 3,000 रुपये और चांदी में करीब 3,500 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इस तरह रविवार से सोमवार तक चांदी में करीब 1,500 रुपये और सोने में 1,800 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. वश्लेषक बताते हें कि यह बढ़ोतरी एकतरफा है. कई लोगों को कीमतों में बढ़ोतरी का सही कारण समझ नहीं आ रहा है. अगर दोनों धातुओं में यह तेजी जारी रही तो दिवाली तक सोने की कीमत 1,25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 1,60,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाएगी, ऐसा सर्राफा बाजार का अनुमान है.ग्राहकों का मानना है कि सोने की कीमतें जिस दर से बढ़ रही हैं, उसकी तुलना में लोगों की सैलरी इनकम या सोने की खरीदारी का बजट नहीं बढ़ रहा है. इस वजह से, इसके ग्राहक भी इस समय परेशान हैं. उन्हें तय बजट में कम वजन के आभूषण खरीदने पड़ रहे हैं.कुछ कारण यह भी बताएं जा रहे हैं कि हमास ने अभी तक हथियार डालने की बात को स्वीकार नहीं किया है, उनकी बातचीत जारी है. हूतियों ने इजराइल पर हमला किया है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अभी भी जारी है. इससे अस्थिरता पैदा हो गई है. दुनिया भर के केंद्रीय बैंक बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं. जिससे बाजारों में सोने-चांदी की कमी से कीमतें बढ़ रही हैं.
कीमतें स्थिर नहीं होने से उपभोक्ताओं में भी बेचैनी सोने और चांदी की मौजूदा कीमतों में एकतरफा बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसा लग रहा है कि इसमें कुछ स्पेकुलेशन भी हो सकती हैं. कीमतें स्थिर नहीं हैं और इस वजह से उपभोक्ताओं में भी बेचैनी है. यह सामान्य मूल्य वृद्धि नहीं है, क्योंकि सोने की कीमत में अभी इतनी बढ़ोतरी का कोई स्पष्ट कारण नहीं है. इतिहास में यह पहली बार है जब सोने की कीमत इतनी तेजी से बढ़ी है. पिछले तीन महीनों में, यानी जुलाई से अक्टूबर तक की अवधि पर गौर करें तो चांदी में लगभग 40 प्रतिशत और सोने में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कामकाजी वर्ग इस समय लाईटवेट ज्वेलरी को प्राथमिकता दे रहा है. दूसरी ओर, उच्च आय वर्ग के लोग अब हीरे की बजाय सोने के आभूषणों को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि इस समय सोने में भारी उछाल है. इसके अलावा, संस्थागत निवेशकों की संख्या भी बड़ी संख्या में बढ़ी है.
- वास्तुपाल रांका, रांका ज्वेलर्स, कर्वे रोड
वास्तविक उपयोग के लिए सोने-चांदी की कमी हो गई सोमवार सुबह सोने की कीमतें पिछले दिन के मुकाबले साठ डॉलर प्रति औंस अयादा खुलीं. आमतौर पर, अगर सुबह सोने की कीमतें अयादा होती हैं और सात से आठ बजे तक बढ़ी हुई रहती हैं, तो इसका मतलब है कि जापान और चीन बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं. अब तक के अनुभव से पता चला है कि जब तक जापान और चीन सोना खरीदना बंद नहीं करते, तब तक मंदी नहीं आती. सोने में मौजूदा तेजी जापान में डॉलर के महत्व को कम करने और उसकी जगह सोने को होल्ड करने की नीति का नतीजा मानी जा रही है. इसके अलावा, अमेरिका में शटडाउन भी इसका एक बड़ा कारण है. लोग इस डर से सोना खरीद रहे हैं कि शायद बैंक बंद हो जाएंगे और डॉलर कमजोर हो जाएगा. इसके अलावा, बैंकों द्वारा सोने की बड़ी खरीदारी के कारण, वास्तविक उपयोग के लिए सोने की कमी हो गई है. चांदी में भी यही स्थिति है. चांदी के एटीएफ में बहुत अयादा खरीदारी हुई है. इसलिए, चूंकि इन दोनों धातुओं की आपूर्ति कम है, इसलिए बाजार में इनकी कमी हो गई है, जो कीमतों में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण भी है. ऐसे में उपभोक्ताओं के हित में यही है कि वे जिस भाव और स्तर पर मिलें, उसी पर खरीदारी करते रहें. क्योंकि, सोने-चांदी में निवेश एक दीर्घकालिक निवेश है. मौजूदा उतार-चढ़ाव को देखते हुए, दिवाली तक सोना एक लाख पच्चीस हजार रुपये और चांदी एक लाख साठ हजार रुपये के स्तर पर पहुंच जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.
- अमित मोडक, कमोडिटी विशेषज्ञ
पिछले तीन दिनों में हुआ उछाल
तारीख सोना चांदी
3 अक्टूबर 1,16,700 1,46,500
4 अक्टूबर 1,17,700 1,49,000
6 अक्टूबर 1,19,500 1,50,500
पिछले कुछ महीनों में भाव
तारीख सोना चांदी
6 जुलाई 97,200 1,08,500
6 अगस्त 1,00,500 1,13,300
6 सितंबर 1,07,200 1,24,500
6 अक्टूबर 1,19,500 1,50,500