सिम्बायोसिस को AACSB द्वारा पुनः मान्यता प्रमाणपत्र

    07-Oct-2025
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शिवाजीनगर, 6 अक्टूबर (आ.प्र.)

सिम्बायोसिस सेंटर फॉर मैनेजमेंट एंड ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एससीएमएचआरडी) ने एएसीएसबी पुनः-मान्यता प्रमाणपत्र प्रदान किए जाने के उपलक्ष्य में एक औपचारिक समारोह का आयोजन किया. यह प्रमाणपत्र प्रताप दास (क्षेत्रीय प्रमुख - दक्षिण एशिया, एएसीएसबी) द्वारा प्रदान किया गया, जिससे प्रबंधन शिक्षा में एससीएमएचआरडी की वैेिशक प्रतिष्ठा की पुष्टि हुई. एएसीएसबी मान्यता, जिसे व्यावसायिक शिक्षा में स्वर्ण मानक माना जाता है, दुनिया भर के छह प्रतिशत से भी कम बिजनेस स्कूलों के पास है. यह पुनः-मान्यता अकादमिक उत्कृष्टता, प्रभावशाली शोध और भविष्य के लिए तैयार नेताओं को तैयार करने के प्रति एससीएमएचआरडी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. बताया गया कि भारत के लगभग 5,000 से अधिक बिजनेस स्कूलों में से केवल 24 के पास ही प्रतिष्ठित एएसीएसबी मान्यता है. एससीएमएचआरडी को 2020 में मान्यता मिली थी और अब 2025 में पुनः मान्यता मिल गई. इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. नेत्रा नीलम (निदेशक, एससीएमएचआरडी) ने कहा, मैं एससीएमएचआरडी में एएसीएसबी मान्यता की पूरी यात्रा का हिस्सा रही हूं. 2014 में इसकी सदस्यता से लेकर 2020 में मान्यता और अब 2025 में पुनः मान्यता तक की यह यात्रा है. यह उपलब्धि न केवल हमारी शैक्षणिक प्रक्रियाओं की मान्यता है, बल्कि प्रबंधन शिक्षा में वैेिशक मानकों को बनाए रखने में हमारे संकाय, कर्मचारियों, छात्रों और पूर्व छात्रों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. प्रताप दास ने वैेिशक प्रबंधन शिक्षा और एएसीएसबी के दृष्टिकोण पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हुए एससीएमएचआरडी टीम को इस प्रतिष्ठित उपलब्धि के लिए बधाई दी.  
 
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता
सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डॉ. विद्या येरवड़ेकर ने कहा कि 2020 में एससीएमएचआरडी द्वारा पहली बार यह सम्मान प्राप्त करने के बाद, यह नवीनीकृत मान्यता वेिशस्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है.