नई दिल्ली में फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन में अपने संबाेधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका प्रशिक्षित, कुशल और प्रतिभाशाली युवा वर्ग है.यदि युवा शक्ति काे संसाधनाें और अवसराें से जाेड़ा जाए ताे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य काे जल्दी हासिल कर सकता है. शिक्षा और नवाचार आधारित अनुसंधान से ही देश के विकास काे गति मिल सकती है.नितिन गडकरी ने यहां आयाेजित 20वें फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन 2025 काे संबाेधित करते हुए कहा किउच्च शिक्षा किसी भी देश के भविष्य की नींव हाेती है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी के 5 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य काे हासिल करने में इसकी अहम भूमिका हाेगी.
दुनिया में जाे देश आज विकसित हैं, उन्हाेंने शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के बल पर ही अपनी ताकत बढ़ाई है.शिक्षा व्यवस्था काे भविष्याेन्मुखी बनाया जाए और इसे जिला एवं राज्य स्तर पर स्थानीय जरूरताें और संसाधनाें के आधार पर अनुसंधान से जाेड़ा जाए.अगर हमारे विश्वविद्यालय और संस्थान यह देखें कि उनके क्षेत्र की क्या आवश्यकताएं हैं और काैन-काैन से संसाधन उपलब्ध हैं, ताे वे शिक्षा काे स्थानीय विकास से जाेड़ सकते हैं.गडकरी ने कहा कि भारत में पहले जहां प्रतिदिन केवल 2 किलाेमीटर सड़क बनती थी, अब यह आंकड़ा 40 किलाेमीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया है.हम देश में बड़े पुल, सुरंगें और मेट्राे प्राेजेक्ट्स बना रहे हैं, लेकिन टनल बाेरिंग मशीन और टनल निर्माण की विशेषज्ञता अब भी हमारे पास नहीं है. उन्हाेंने स्वीडन, ज्यूरिख और जर्मनी जैसे देशाें का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां टनलिंग काे लेकर विशेष संस्थान हैं, जबकि भारत में इस क्षेत्र में रिसर्च और उपकरण निर्माण की भारी कमी है.