राज्य सरकार ने 2 सितंबर काे मराठा समुदाय काे ओबीसी वर्ग में आरक्षण देने के लिए एक अध्यादेश जारी करने की घाेषणा की थी. इस फैसले के खिलाफ कुछ लाेगाें ने हाईकाेर्ट में कई याचिकाएं दायर की थीं.हालांकि याचिकाकर्ताओं ने अध्यादेश पर तत्काल राेक लगाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे साफ ताैर पर खारिज कर दिया. इसलिए, इसे राज्य सरकार और मराठा समुदाय के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है.मराठा आरक्षण की मांग काे लेकर मनाेज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में मुंबई में हुए एक बड़े आंदाेलन के बाद, राज्य सरकार ने हैदराबाद गजेटियर काे लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था.
इस फैसले के अनुसार,हैदराबाद गजेटियर की प्रविष्टियाें के आधार पर कुनबी मराठा समुदाय काे ओबीसी वर्ग से आरक्षण दिया गया था.इस फैसले की घाेषणा हाेते ही, ओबीसी संगठनाें और कुछ सामाजिक समूहाें ने इसका कड़ा विराेध किया.उन्हाेंने इस फैसले काे असंवैधानिक बताते हुए सीधे हाईकाेर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, अदालत ने सरकार के इस फैसले पर तुरंत राेक लगाने से साफ इन्कार कर दिया है. इसलिए, इसे मराठा समुदाय और राज्य सरकार दाेनाें के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है.