चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशाेर कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा- सीजेआई के भगवान विष्णु पर दिए बयान से मैं आहत हूं्. उनके एक्शन (टिप्पणी) पर ये मेरा रिएक्शन था. मैं नशे में नहीं था.जाे हुआ, मुझे उसका अफसाेस नहीं, किसी का डर भी नहीं है. उन्हाेंने कहा- यही चीफ जस्टिस बहुत सारे धर्माें के खिलाफ, दूसरे समुदाय के लाेगाें के खिलाफ केस आता है ताे बड़े-बड़े स्टेप लेते हैं. उदाहरण के लिए- हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर विशेष समुदाय का कब्जा है, सुप्रीम काेटने उस पर तीन साल पहले स्टे लगाया, जाे आज तक लगा हुआ है. वहीं, इस घटना पर एससी बार एसाेसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा- भगवान विष्णु की मूर्ति केस में सीजेआई की टिप्पणी काे गलत तरीके से दिखाया गया, जिससे ऐसा लगा जैसे सीजेआई ने देवता का अपमान किया.एसाेसिएशन ने कहा- वकील ने मशहूर हाेने के लिए ऐसा किया. दरअसल, 8 सितंबर की दाेपहर सीजेआई की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी. तभी आराेपी ने सीजेआई की तरफ जूता फेंका.