मुंबई, 31 अक्टूबर (आ.प्र.) राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कृषि-मार्ग और आवासीय (यातायात) मार्ग के विवाद में तहसीलदारों द्वारा दिए गए आदेश को सात दिनों के भीतर लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार ने इस संबंध में एक परिपत्र भी जारी किया है. इसमें अधिकारियों के लिए जियो-टैग फोटो के आधार पर स्थल निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करना अनिवार्य कर दिया गया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देशानुसार, नागरिकों के जीवन स्तर को सुगम बनाना विषय पर पुणे विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक अध्ययन समिति गठित की गई थी. समिति के अध्ययन में यह बात सामने आई की कई कृषि-मार्ग के आदेशों का 7 दिनों के भीतर क्रियान्वयन अनिवार्य राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का महत्वपूर्ण निर्णय; स्थल निरीक्षण रिपोर्ट, जियो-टैग फोटो भी अनिवार्य मामलों में आवासीय मार्ग को साफ करने या सरबांध के ऊपर से सड़क बनाने के लिए सक्षम अधिकारियों को आदेश देती है. लेकिन, इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई कि आदेश का वास्तव में पालन हुआ या नहीं और नागरिक को सड़क मिली या नहीं. समिति ने कई मामलों की जांच की. सरकार के ध्यान में लाया गया कि आदेश प्राप्त होने के बाद भी आवेदक की शिकायत का पूर्ण समाधान नहीं हो रहा था. इसी के चलते, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अब किसानों के हित में एक कड़ा निर्णय लिया है. इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया गया है और क्षेत्रीय अधिकारियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. यह निर्णय मामलेदार अधिनियम या महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता के तहत अधिकारियों के लिए बाध्यकारी बनाया गया है.
ये हैं राजस्व मंत्री के नए आदेश
1) यह स्पष्ट आदेश दिया गया है कि केस कोर्ट अधिनियम, 1906 (धारा 5) या महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 (धारा 143) के तहत दिए गए आदेश के वास्तविक रूप से लागू होने तक संबंधित मामला दायर (बंद) नहीं किया जाना चाहिए.
2) अधिकारी द्वारा अंतिम आदेश पारित करने के बाद, यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि अगले 7 दिनों के भीतर आदेश का क्रियान्वयन हो गया है.
3) यह ओशासन केवल मौखिक नहीं है, बल्कि उचित स्थल निरीक्षण करना और उस स्थान की जियो-टैग्ड तस्वीरें लेना अनिवार्य किया गया है. इस पंचनामा और जियो- टैग्ड तस्वीरों को संबंधित मामले की मूल फाइल में शामिल करना अनिवार्य होगा.