नर्हे, 11 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) कानून केवल जीविकोपार्जन का साधन नहीं है, बल्कि समाज सेवा का एक प्रभावी माध्यम है. न्यायपालिका और वकीलों में आम आदमी का वेिशास न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया का आधार है. महाराष्ट्र में न्यायपालिका समाज सेवा के लिए संतुष्टि का स्रोत है. पुणे जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम. के. महाजन ने कहा कि यह विशेष रूप से महिलाओं के न्याय और उनकी सुरक्षा के लिए एक मजबूत स्तंभ बन गई है. वे कानून एवं करियर के अवसर 2025 पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के भव्य आयोजन में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम नर्हे स्थित डॉ. सुधाकरराव जाधवर एजुकेशनल कैंपस में जाधवर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स और जाधवर लॉ कॉलेज द्वारा आयोजित किया गया था. इस संगोष्ठी के समापन समारोह के अवसर पर एड. हर्षद निंबालकर, सी. ए. जाधव, मोहन क्षीरसागर और एम. एच. हिरानी, समेत संस्था के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. सुधाकरराव जाधवर, उपाध्यक्ष एडवोकेट शार्दुल जाधवर उपस्थित थे. इस अवसर पर लीगल एड सेंटर (विधिक सहायता केंद्र) का भी उद्घाटन किया गया. एड. शार्दुल जाधवर ने कहा कि कोई भी वकील सरकारी वकील नहीं बनना चाहता. इसलिए जाधवर विधि महाविद्यालय में सरकारी वकीलों के प्रशिक्षण का पहला केंद्र शुरू किया गया है. जिन लोगों के पास पैसा नहीं है, उनके लिए सरकारी वकील न्याय के देवता हैं. इसलिए, अच्छी गुणवत्ता वाले सरकारी वकील तैयार किए जाने चाहिए. प्रो. डॉ. सुधाकर जाधवर ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे छात्रों को ज्ञानवान बनाने के लिए आयोजित किया गया था. संस्था इस देश के युवाओं को सामाजिक और राष्ट्रीय सोच वाला बनाने का प्रयास कर रही है.