पुणे, 14 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के अवसर पर 13 नवंबर को सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय स्थित, राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (एनसीसीएस) में गुरूवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल और कॉलेज के छात्रों और शिक्षकों को इस महोत्सव के बारे में जागरूक करना और उन्हें एनसीसीएस की शोध गतिविधियों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करना था. विज्ञान भारती, पश्चिम क्षेत्र के संभागीय आयोजन सचिव प्रसाद एमके ने महोत्सव और इसकी अवधारणा के बारे में बताया. उन्होंने तार्किक और प्रश्नवाचक वैज्ञानिक मानसिकता अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों के महत्व और आत्मनिर्भर भारत के लिए इसके अनुप्रयोग के बारे में बताया. उन्होंने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के विभिन्न खंडों का परिचय दिया. प्रसाद एमके ने छात्रों को विभिन्न सत्रों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए महोत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. एनसीसीएस निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) प्रो. शर्मिला बापट ने अपने परिचय में छात्रों को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें जैव प्रौद्योगिकी की अवधारणा से परिचित कराया. उन्होंने भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की बायोई3 पहल के बारे में जानकारी दी. बापट ने छात्रों को डिजाइन फॉर बायोई3 चुनौती में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. हर महीने घोषित होने वाली इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं को अपने समय की महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए सशक्त बनाना है और यह स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ अन्य भारतीय नागरिकों के लिए भी खुली है. इसके बाद छात्रों और शिक्षकों ने राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र की विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा किया. इनमें राष्ट्रीय कोशिका भंडार, जैव सूचना विज्ञान, फ्लो साइटोमेट्री, बायोइमेजिंग, प्रोटियोमिक्स और डीएनए अनुक्रमण सुविधाएं और एनसीसीएस में स्थापित माइक्रोबायोलॉजी सेटअप शामिल थे.