दिल्ली धमाका मामले में 30 नाम, फाेन नंबर मिले

    17-Nov-2025
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फरीदाबाद के धाैज स्थित अल- फलाह यूनिवर्सिटी से शुरू हुए सफेदपाेश आतंकी माॅड्यूल काे फंडिंग हवाला नेटवर्क के जरिये पहुंच रही थी. ये फंडिंग हवाला नेटवर्क के जरिये ही यूनिवर्सिटी से पकड़े गए और अभी भागे हुए डाॅक्टराें तक पहुंचाई जा रही थी. खुफिया विभाग के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि डाॅक्टराें के बैंक खाताें की ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है. उनके खाताें में बीते कुछ महीनाें के दाैरान हुई ट्रांजेक्शन काे चेक किया जा रहा है.एक अधिकारी ने बताया कि हवाला का बड़ा नेटवर्क दिल्ली में सक्रिय है. इस मामले में जांच एजेंसी काे इनपुट मिला है कि डाॅ.मुज्जमिल, डाॅ. उमर और डाॅ.शाहीन दिल्ली के नेटवर्क के संपर्क में सीधे ताैर पर नहीं थे. यह सभी लाेग मेवात के एक एजेंट के जरिये दिल्ली के हवाला नेटवर्क के संपर्क में आए थे. एजेंट ही इनकाे टेरर फंडिंग के लिए हवाला से आ रहे रुपये लाकर मुहैया कराता था. इनमें सबसे पहले एजेंट का संपर्क डाॅ. शाहीन से हुआ था. बाद में डाॅ. मुज्जमिल और कुछ दिन पहले ही डाॅ. उमर से एजेंट का संपर्क हुआ.
 
आधिकारिक सूत्र ने बताया टेरर फंडिंग की ये रकम आतंकी माॅड्यूल से जुड़े आराेपी लाॅजिस्टिक से लेकर हर तरह के खर्च में प्रयाेग करते हैं. अधिकारी ने उदाहरण देकर बताया कि दिल्ली धमाके से पहले अमाेनियम नाइट्रेट खरीदने के लिए, बम धमाके में इस्तेमाल कार के लिए, धमाके के लिए अन्य सामान खरीदने के लिए रुपयाें की जरूरत रहती है. बार-बार रेकी करने जाने के लिए, कुछ अन्य सामान खरीदने में हाेने वाले खर्च सभी इन्हीं रुपयाें से किए जाते हैं. सफेदपाेश आतंकी माॅड्यूल का लिंक सामने आने के बाद धाैज स्थित अल- फलाह यूनिवर्सिटी पर प्रशासन ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. शुक्रवार काे पटवारियाें की एक टीम यूनिवर्सिटी पहुंची और यहां जमीन की पैमाइश की. टीम ने माैके पर जांच के दाैरान ये पता लगाने का प्रयास किया कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने गांव की कुछ सरकारी जमीन पर ताे कब्जा नहीं किया है.
 
अल-फलाह यूनिवर्सिटी में सामने आए सफेदपाेश आतंकी माॅड्यूल में जांच एजेंसी माैजूदा डाॅक्टराें व स्टाॅफ के अलावा पुराने लाेगाें काे भी चेक कर रही है.शुक्रवार काे जांच कर रही टीम ने यूनिवर्सिटी परिसर में पहुंचकर ये पता लगाया कि यहां पहले काैन डाॅक्टर व स्टाॅफ काम कर चुके हैं. इसमें टीम ने पूछा कि वे लाेग कितने समय पहले यहां से छाेड़कर जा चुके हैं. उनके यहां से छाेड़ने के कारण का भी पता किया गया कि वे किन कारणाें से छाेड़कर गए और वे कहां के रहने वाले थे. सभी के नाम, नंबर, निवास स्थान और यूनिवर्सिटी परिसर में कार्यरत रहने के दाैरान उनके पद के अनुसार डिटेल ली गई है.जांच एजेंसी के आधिकारिक सूत्राें की मानें ताे ये शक है कि यहां पहले कार्यरत रह चुके कुछ लाेग भी इस आतंकी माॅड्यूल का हिस्सा हाे सकते हैं. इनमें डाॅक्टर, छात्र या अन्य पदाें पर कार्यरत सभी तरह के लाेग शामिल हाे सकते हैं. सूत्राें के अनुसार शुक्रवार काे यूनिवर्सिटी परिसर से मिली लिस्ट में जम्मू कश्मीर के लाेगाें की संख्या काफी अधिक है.इनमें डाॅक्टर, प्राेफेसर, छात्र व अन्य पदाें पर काम करने वाले लाेग शामिल हैं.