महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियाें काे निर्देश दिया है कि वे मानसून के दाैरान बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित सभी जिलाें में कृषि भूमि काे बहाल करने के लिए तुरंत मुफ्त मिट्टी, गाद और बजरी उपलब्ध कराएं. लघु लेख सम्मिलित करेंराजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार काे किसानाें काे राहत प्रदान करने के लिए इसे लागू करने के आदेश जारी किए और कहा कि इस निर्णय से किसानाें काे राॅयल्टी शुल्क का भुगतान किए बिना आवश्यक सामग्री प्राप्त करने और खेती के लिए अपने खेताें काे फिर से तैयार करने में मदद मिलेगी.इसके अतिरिक्त, जिन व्यक्तियाें के घर बाढ़ के दाैरान क्षतिग्रस्त हाे गए थे, वे भी अपने घराें, पशुशालाओं, खेताें और कुओं की मरम्मत के लिए पांच ब्रास तक के लघु खनिजाें के राॅयल्टी-मुक्त उपयाेग के लिएपात्र हाेंगे. बावनकुले ने आदेश में कहा, बाढ़ से प्रभावित किसानाें काे मिट्टी के कटाव के कारण बुरी तरह प्रभावित अपनी कृषि भूमि के पुनर्निर्माण के लिए मुफ्त मिट्टी, बजरी और गाद मिलनी चाहिए.
सूखा प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र में सितंबर और अक्टूबर के बीच अभूतपूर्व बाढ़ और भारी बारिश ने न केवल खरीफ की खड़ी फसलाें काे नष्ट कर दिया, बल्कि बड़े पैमाने पर मिट्टी का कटाव भी हुआ. राजस्व विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है, मंत्री बावनकुले ने सभी जिला कलेक्टराें काे प्रभावित किसानाें के लिए मिट्टी, बजरी, गाद और ऐसे खनिजाें पर राॅयल्टी छूट का पूर्ण और सटीक कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.पिछले महीने, राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानाें के लिए 31,628 कराेड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया था, जिसमसे एक बड़ा हिस्सा खरीफ की खड़ी फसल के नुकसान के मुआवजे के रूप में था. सभी पात्र किसानाें काे मुआवज़ा राशि मिलेगी, जाे सीधे उनके बैंक खाताें में जमा की जा रही है.