विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य संबंधी सम्मेलन संपन्न

    19-Nov-2025
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पुणे, 18 नवंबर (आ.प्र.)

भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ते कानूनी विवादों और त्वरित, संवेदनशील एवं विशेषज्ञ आधारित समाधान की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी के विधि विभाग ने कानून एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को एक मंच पर लाते हुए वैकल्पिक विवाद समाधान एवं स्वास्थ्य क्षेत्र सम्मेलन 2025 का आयोजन किया. यह सम्मेलन यूनिवर्सिटी के सम्यक सेंटर फॉर मेडिएशन एंड आर्बिट्रेशन द्वारा आयोजित किया गया. यह केंद्र मार्च 2025 में स्थापित हुआ था और कौशल विकास, शिक्षा एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण का प्रमुख माध्यम है. कार्यक्रम का उद्घाटन पुणे के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम. के. महाजन के हाथों संपन्न हुआ्‌‍. इस अवसर पर पुणे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता हेमंत झंझाड और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रताप परदेशी उपस्थित थे. उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति महाजन ने कहा, एक न्यायाधीश के रूप में एडीआर के प्रति जागरूकता फैलाना न केवल मेरी कानूनी बल्कि संवैधानिक जिम्मेदारी है. मेडिएशन और आर्बिट्रेशन में युवा वकीलों का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल है. पैनल चर्चा में डॉ. सुरेखा कश्यप, अनिरुद्ध राजुरकर, डॉ. प्रसाद ठाकुर देसाई, डॉ. उज्ज्वला शिंदे और अधिवक्ता अमन दत्ता ने भाग लिया. संचालन अधिवक्ता तेजस हुले ने किया. चर्चा में चिकित्सा लापरवाही, रोगी शिकायतें, संस्थागत विवाद तथा नियामक चुनौतियों पर एडीआर के उपयोग पर विचार किया गया. विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी के कुलगुरु प्रो. मुकुंद कुलकर्णी ने कहा, सम्यक जैसे मंच हमारे ‌‘मानव क्षमता के अधिकतम विकास के ध्येय' के अनुरूप हैं और विधि शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. विधि संकाय की अधिष्ठाता डॉ. अपूर्वा भिलारे ने कहा, ऊठ समय की आवश्यकता है, इसलिए छात्रों को इसका प्रशिक्षण आवश्यक है. पैनल सदस्यों के विचारों ने छात्रों के ज्ञान को समृद्ध किया है.सम्मेलन के समापन पर यह रेखांकित किया गया कि सम्यक का उद्देश्य मध्यस्थता और पंचाट के क्षेत्र में सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जो विशेषकर स्वास्थ्य क्षेत्र में न्याय तक पहुँच को सुगम बनाएगा और अनुभव-आधारित अधिगम को बढ़ावा देगा.