अनिल अंबानी ने 29000 कराेड़ का घाेटाला किया

    02-Nov-2025
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Ambani 
 
खाेजी पाेर्टल काेबरा पाेस्ट ने अपनी ताज़ा कवर स्टाेरी LOOTWLLHS: HOW INDIN BUSINESS IS ROBBING INDINS (Part-I) में खुलासा किया है कि अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस एडीए ग्रुप की कंपनियाें ने लगभग 28,874 कराेड़ के कथित वित्तीय घाेटाले काे अंजाम दिया.रिपाेर्ट के अनुसार, समूह ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकाें और निवेशकाें से लिए गए धन काे ग़लत तरीके से अपनी प्रमाेटरग्रुप कंपनियाें में स्थानांतरित किया, जिससे यह भारी-भरकम रकम निजी लाभ के लिए उपयाेग में लाई गई.
इतना ही नहीं, जांच में यह भी पाया गया कि करीब 1.53 बिलियन अमेरिकी डाॅलर (लगभग 12,000 कराेड़) की राशि विदेश से संदिग्ध रूप से इन कंपनियाें में पहुंची. काेबरा पाेस्ट ने अपनी वीडियाे सीरीज़ के माध्यम से इस कथित वित्तीय साम्राज्य की परतें भी खाेली हैं. काेबरा पाेस्ट की यह जांच देश के काॅरपाेरेट जगत में पारदर्शिता, बैंकिंग नियमन और विदेशी निवेश की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
 
खाेजी वेबसाइट काेबरा पाेस्ट ने अपनी विस्तृत जांच The Ledger of Lies में दावा किया है कि अनिल धीरूभाई अंबानी समूह ने 2006 से अब तक 28,874 कराेड़ से अधिक का बैंकिंग घाेटाला किया.यह धनराशि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकाें, आईपीओ निवेशकाें और बाॅन्ड जारी करके जुटाई गई रकम से आई थी, जिसे समूह की सूचीबद्ध कंपनियाें से निकालकर प्रमाेटर-ग्रुप की कंपनियाें में ट्रांसफर कर दिया गया.जांच के अनुसार, लगभग 1.535 अरब अमेरिकी डाॅलर (13,047.50 कराेड़) की राशि विदेश से भी संदिग्ध तरीके से भारत लाई गई. इसमें से 750 मिलियन डाॅलर सिंगापुर स्थित Emerging Market Investments Trading Pte (EMITS) काे दिए गए, जाे अस्थायी रूप से Reliance Innoventures (D Group की हाेल्डिंग कंपनी) की कस्टडी में था. यह पूरी राशि भारत में लाई गई और बाद में विभिन्न सहायक कंपनियाें के माध्यम से गायब कर दी गई, जाे मनी लाॅन्ड्रिंग की श्रेणी में आ सकता है. इसी प्रकार, 785 मिलियन डाॅलर की विदेशी वाणिज्यिक उधारी भी विभिन्न एडीए समूह कंपनियाें में स्थानांतरित की गई.