सेवा, ईमानदारी और मानवता ही समाज की पहचान

निष्ठा, सेवा और समर्पण से समाज को दिशा; समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने व्यक्त की अपनी राय

    02-Nov-2025
Total Views |
 

bsfbf 
 
पुणे, 1 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
समाज तब आगे बढ़ता है जब उसके लोग अपने जीवन को केवल स्वयं तक सीमित न रखकर, दूसरों के कल्याण में लगाते ह्‌ैं‍. किसी की मुस्कान का कारण बनना, ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करना, और जरूरतमंदों के लिए हाथ बढ़ाना, यही सच्चे जीवन का धर्म है. आज के दौर में जब हर क्षेत्र तेजी से बदल रहा है, तब ऐसे लोग जो अपनी निष्ठा, सेवा और समर्पण से समाज को दिशा दे रहे हैं, वे वास्तव में प्रेरणा के स्रोत ह्‌ैं‍. चाहे डॉक्टर हों, वकील हों, शिक्षक हों या सामाजिक कार्यकर्ता हर व्यक्ति अगर अपनी क्षमता का एक अंश समाज के हित में लगाए, तो यह देश और भी सुंदर और सशक्त बन सकता है. समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से दै.आज का आनंद के लिए प्रो.रेणु अग्रवाल ने बातचीत की. प्रस्तुत हैं उनकी बातचीत के प्रमुख अंश- प्रो. रेणु अग्रवाल (मो. 8830670849)
 
होम्योपैथी जीवन को संतुलित करने की चिकित्सा इम्युनिटी को भी मजबूत बनाती !
बीमारी केवल शरीर की नहीं होती, बल्कि मन और आत्मा की भी होती है. होम्योपैथी वह चिकित्सा पद्धति है जो व्यक्ति को सम्पूर्ण रूप से ठीक करने पर वेिशास रखती है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और यह हमारी इम्युनिटी को भी मजबूत बनाती है. तेज बुखार से लेकर किडनी, कैंसर या अन्य जटिल बीमारियों तक होम्योपैथी हर स्तर पर प्रभावी इलाज प्रदान करती है. मैं समाज से यही अपील करता हूं कि एलोपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट से बचते हुए एक बार होम्योपैथी को अपनाकर देख्‌ें‍. यह न केवल बीमारी को जड़ से खत्म करती है, बल्कि शरीर और मन को स्वाभाविक संतुलन भी देती है. - डॉ. वंश लुनिया, छत्रपति संभाजीनगर
 
bsfbf
 
सेवा ही सच्चा जीवन धर्म
जीवन का असली सुख दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने में है. यदि हम अपने समय, अपनी क्षमता और अपने संसाधनों का कुछ अंश भी समाज की भलाई में लगा दें, तो यह दुनिया और भी सुंदर बन सकती है. सेवा का भाव तभी सच्चा होता है जब उसमें स्वार्थ न हो, बस दूसरों के लिए कुछ करने की इच्छा हो. जशरतमंदों की मदद, बच्चों की शिक्षा, रक्तदान या नेत्रदान हर छोटा कदम किसी के जीवन में उजाला ला सकता है. दूसरों से उम्मीद करने की बजाय स्वयं पहल करें, क्योंकि ईेशर वही हाथ चुनता है जिनसे वह अपना काम करवाना चाहता है. - अनिल लुनिया, छत्रपति संभाजीनगर
 

bsfbf 
 
ईमानदारी और अनुशासन ही सफलता की पूंजी
जीवन में सफलता केवल मेहनत से नहीं, बल्कि ईमानदारी और अनुशासन से मिलती है. हर विद्यार्थी को शुरू से ही अपने कैरियर का स्पष्ट लक्ष्य तय करना चाहिए और उसे पाने के लिए लगन व नियमितता से प्रयास करते रहना चाहिए्‌‍. पढ़ाई के साथ अपनी रुचियों को समय देना भी उतना ही जशरी है यही संतुलन व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत और खुश रखता है. साथ ही, हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपना टैक्स नियमित रूप से भरे और देश के नियमों का पालन करे. जब हम अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं, तभी हम एक सशक्त और ईमानदार समाज का निर्माण कर पाते हैं. -रोहन राजेंद्र मुगड़िया, गरखेड़ा, छत्रपति संभाजीनगर
 
 
bsfbf
 
आंखें हमारे जीवन का सबसे अनमोल उपहार
हमारे जीवन में आंखों का महत्व शब्दों में नहीं बताया जा सकता. ये सिर्फ देखने का माध्यम नहीं, बल्कि अनुभव करने और समझने का जरिया हैं. इसलिए हर व्यक्ति को अपनी आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को. कई बार छोटी-सी नेत्र समस्या समय पर जांच न करवाने से गंभीर रूप ले लेती है. नियमित जांच से हम न केवल अपनी दृष्टि की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और उज्जवल जीवन भी जी सकते ह्‌ैं‍ अपनी आंखों की देखभाल करना अपने जीवन का सम्मान करना है. - डॉ. धनश्री लुनिया, छत्रपति संभाजीनगर
 
bsfbf
 
 नेत्रदान जीवन का सबसे उज्जवल संकल्प
जीवन में सबसे बड़ा दान वही है जो किसी और के अंधकार को रोशनी में बदल दे. नेत्रदान ऐसा ही दिव्य कर्म है, जो हमारे जाने के बाद भी किसी और की दुनिया रोशन करता है. 27 वर्षों से एडवोकेट किशोर सोनी जी ने इस ईेशरीय कार्य को जनआंदोलन बना दिया है. उन्होंने जय नेत्रदान का नारा पूरे देश में गुंजाया और लाखों लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया. देश के कोने-कोने में जाकर उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाई, जिससे हजारों दृष्टिहीनों की जिंदगी में प्रकाश आया. यह कार्य केवल एक सेवा नहीं, बल्कि मानवता के प्रति सच्ची आस्था का प्रतीक है. - एडवोकेट किशोर सोनी, छत्रपति संभाजीनगर
 

bsfbf 

 ईमानदारी और समर्पण से ही मिलता है न्याय
मैं पिछले 18 वर्षों से छत्रपति संभाजीनगर में वकालत के क्षेत्र में कार्यरत हू्‌ँ‍. अपने पेशे में मैंने समय प्रबंधन और क्लाइंट्स के साथ संवाद की अनेक चुनौतियां देखी हैं, पर धैर्य और समझदारी से उन्हें सुलझाया है.आज कोर्ट की प्रक्रियाएं ऑनलाइन हो गई हैं, जिसे शुरू में स्वीकारना कठिन था, लेकिन अब यह हमारे काम को सरल बना चुकी हैं. मेरी सलाह है कि नए वकील मेहनत, निष्ठा और लगन से कार्य करें. इस क्षेत्र में कोई शॉर्टकट नहीं है ईमानदारी, अनुभव से सीखना और न्याय के प्रति समर्पण ही सफलता का मार्ग है. मैं समाज से अपील करता हूँ कि सहयोग, सम्मान और सच्चाई के साथ मिलकर हम एक बेहतर और शांतिपूर्ण समाज बना सकते हैं. -एडवोकेट एन. ए. किदवई, छत्रपति संभाजीनगर


bsfbf