पुणे की सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की डॉ. विद्या येरवड़ेकर (प्र-कुलपति) ने यादें साझा करते हुए बताया कि बालिवुड के महान अभिनेता धर्मेंद्र के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. भारतीय सिनेमा में उनका नाम बहुत बड़ा था, लेकिन असल जिंदगी में वे बहुत विनम्र इंसान थे. हालांकि हमें उनके जाने का बहुत दुख है, लेकिन हमें उन्हें अपने सिम्बायोसिस परिवार के हिस्से के तौर पर प्यार से याद करके सुकून भी मिलता है. डॉ. एस. बी. मुजुमदार के साथ उनका बहुत करीबी रिश्ता था. वे अक्सर सिम्बायोसिस आते थे. असल में जब मेरे पिता 90 साल के हुए, तो धर्मेंद्रजी ने उन पर एक अच्छा आर्टिकल लिखा था. उनकी दयालुता, दरियादिली और उनके नर्म स्वभाव ने उन्हें उन सभी का प्रिय बना दिया जिन्हें उनसे मिलने का मौका मिला.