पुणे, 27 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) पुणे बुद्धिजीवियों का शहर और राज्य की कल्चरल कैपिटल है. पुणे बुक फेस्टिवल शहर की शान बढ़ा रहा है और पढ़ने के कल्चर को मजबूत कर रहा है. इस फेस्टिवल की शोहरत अब दिल्ली तक भी पहुंच गई है. पुणेकरों का जोश इस फेस्टिवल के दायरे और शान को बढ़ा रहा है, और इस साल भी यह फेस्टिवल नया रिकॉर्ड बनाएगा, केंद्रीय नागरिक उड्डयन और सहकारिता राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने बुधवार(26 नवंबर) को भरोसा जताया. नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित पुणे बुक फेस्टिवल 13 से 21 दिसंबर तक फर्ग्यूसन कॉलेज के ग्राउंड में होगा. उस मौके पर, संविधान दिवस के मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री मोहोल ने तीसरे पुणे बुक फेस्टिवल ऑफिस का उद्घाटन किया. फर्ग्यूसन कॉलेज लाइब्रेरी के परिसर में हुए इस फंक्शन में हायर और उच्चशिक्षा तकनीकी मंत्री चंद्रकांत पाटिल, सीनियर एडिटर अरुण खोरे, सीनियर राइटर डॉ. अरुणा ढेरे, पुणे बुक फेस्टिवल के चीफ कन्वीनर राजेश पांडे, डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के प्रेसिडेंट प्रमोद रावत, लोकमान्य सोसाइटी की फाउंडर-प्रेसिडेंट डॉ. किरण ठाकुर, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. सुरेश गोसावी, प्रो-वाइस चांसलर डॉ. पराग कालकर, फेस्टिवल कन्वीनर प्रसेनजीत फडणवीस और आनंद कटिकर, साथ ही बागेश्री मंथलकर और डॉ. संजय चाकणे शामिल हुए. मोहोल ने कहा, मोबाइल और सोशल मीडिया के जमाने में, पुणे बुक फेस्टिवल बुक रीडिंग के बारे में अवेयरनेस पैदा कर रहा है. इस फेस्टिवल को हर साल रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसलिए, यह फेस्टिवल नेशनल लेवल पर प्रसिद्ध हो गया है और पार्लियामेंट सेशन में भी इस पर चर्चा हो रही है. चंद्रकांत पाटिल ने कहा, किताबों का जादू अलग होता है, वे आम आदमी की जिंदगी को इंस्पायर और गाइड करती हैं. पुणे बुक फेस्टिवल किताबों की इसी ताकत को दिखाता है.