बावधन, 28 नवंबर (आ.प्र.) पढ़ाई और काम से प्रगति तो होती ही है, लेकिन उस प्रगति का आनंद लेने के लिए शरीर और मन का स्वस्थ होना अनिवार्य है, ऐसे विचार सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के संस्थापक-अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने रखे. वे सूर्यदत्त में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में बोल रहे थे. सूर्यदत्त इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस फिटनेस अकादमी की ओर से फिटनेस के महत्व को समझाने और छात्रों में स्वस्थ जीवनशैली के प्रति प्रेरणा जगाने के लिए एक प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में फिटनेस के क्षेत्र में प्रेरणादायी रोल मॉडल्स राजकुमार सुराणा, दीपक तोष्णीवाल और बाल कुलकर्णी का सूर्यदत्त की ओर से सम्मान किया गया. तीनों मान्यवरों के विचारों ने विद्यार्थियों में स्वअनुशासन, तंदुरुस्ती और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को और मजबूत किया.दीपक तोष्णीवाल ने कहा, शरीर स्वस्थ होगा तो हम समाज के लिए अधिक काम कर सकेंगे. काम का तनाव और जिम्मेदारियों के बीच यदि स्वास्थ्य की अनदेखी की जाए, तो सफलता फीकी पड़ जाती है. फिटनेस केवल आदत नहीं, बल्कि जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है. बाल कुलकर्णी ने कहा, दौड़ने और चलने की आदतें किसी भी समय, कहीं भी और अपनी सुविधा से की जा सकती हैं. इसके लिए महंगे उपकरण या जिम की आवश्यकता नहीं होती और सातत्य ही असली कुंजी है. राजकुमार सुराणा ने कहा कि, दीर्घकालीन सफलता के लिए शारीरिक तंदुरुस्ती उतनी ही जरूरी है. उन्होंने विद्यार्थियों से रोजाना 3045 मिनट नियमित व्यायाम करने की अपील की. उपाध्यक्षा सुषमा संजय चोरड़िया ने कहा कि, बाहरी सुंदरता के साथ-साथ हमारा आंतरिक स्वास्थ्य अच्छा होना सबसे जरूरी है. विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या में थोड़ा समय स्वयं के लिए अवश्य निकालना चाहिए. कार्यक्रम का संपूर्ण नियोजन एवं समन्वय स्वप्नाली कोगजे ने संभाला. डॉ. सीमी रेठरेकर (प्राचार्या, सूर्यदत्ता इंस्टीट््यूट ऑफ हेल्थ साइंस), ने छात्रों से स्वास्थ्य मंत्रों का नियमित पालन करने का आह्वान किया. आभार प्रदर्शन ए.वी.पी. सिद्धांत चोरड़िया द्वारा किया गया.