आयसर में ‌‘eduResilience' शिखर सम्मेलन संपन्न

    30-Nov-2025
Total Views |

v fdbf  
पाषाण, 29 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

आयसर पुणे द्वारा आयोजित, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार और शिक्षा विभाग, शिक्षाविद और अंतर्राष्ट्रीय विकास संगठनों के सहयोग से राज्य-स्तरीय शिखर सम्मेलन eduResilience के लिए एकत्र हुए, जिसमें राज्य भर में कक्षाओं में जलवायु शिक्षा, स्कूल सुरक्षा और भागीदारी लचीलापन मॉडल को एकीकृत करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य के अलग-अलग हिस्सों से 70 से अयादा ब्लॉक संसाधन समन्वयकों ने भाग लिया, जो स्कूलों का समर्थन करने, शिक्षकों के विकास को सुविधाजनक बनाने, और जमीनी स्तर पर कार्यक्रमों को लागू करने के लिए जिम्मेदार प्रमुख ब्लॉक स्तर के अधिकारी हैं. यह पहल आईआईएसईआर पुणे के नेतृत्व में उनकी पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए संप्रेषण कार्य और लचीलापन परियोजना के एक हिस्से के रूप में सहयोगात्मक प्रयास का हिस्सा है. समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ और यूनिसेफ के साथ साझेदारी में, इस पहल का उद्देश्य स्कूलों को जलवायु संबंधी जोखिमों से निपटने तथा छात्रों और शिक्षकों के बीच तैयारी बढ़ाने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करना है. मुख्य सत्र के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, डॉ. एम. सुधीश, प्रमुख, राज्य शिक्षा प्रकोष्ठ, समग्र शिक्षा रायपुर, ने इस बात पर जोर दिया कि स्कूलों में जलवायु लचीलापन बनाना अब वैकल्पिक नहीं है, बल्कि सीखने की निरंतरता और कल्याण की सुरक्षा के लिए आधारभूत है आईसर पुणे की सहयोगी प्रोफेसर और प्रमुख, केयर परियोजना डॉ. शालिनी शर्मा ने स्कूल पारिस्थितिकी तंत्र में जलवायु- उत्तरदायी सोच और अनुभवजन्य शिक्षा को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया, उन्होंने कहा इसके माध्यम से, हम बच्चों के मौलिक अधिकार का सम्मान करते हैं. हम केवल बच्चों को दुनिया के बारे में नहीं सिखा रहे हैं.हम उन्हें कार्रवाई के लिए उस ज्ञान का उपयोग करने के लिए सुसज्जित कर रहे हैं. यूनिसेफ के आपातकालीन अधिकारी विशाल वासवानी ने कहा कि यह जलवायु-लचीली शिक्षा को मजबूत करने और स्कूलों में तैयारी में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण और आशाजनक कदम है. कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों ने वर्षा और तापमान के रुझानों जैसे जलवायु डेटा की व्याख्या करने पर ध्यान केन्द्रित किया. आईसर पुणे के विज्ञान गतिविधि केन्द्र के विज्ञान शिक्षा प्रैक्टिशनर्स अशोक रूपनेर और अंकिश तिरपुडे के नेतृत्व में व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया.