विधायक, बिल्डर और म्हाडा अधिकारियों द्वारा अभद्र गठजोड़

सोसायटीज के भूखंड हड़पने का प्रयास : लोकमान्यनगर बचाव कृति समिति ने अदालत में जाने की चेतावनी दी

    05-Nov-2025
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 पुणे, 4 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

लोकमान्यनगर की 51 सोसायटियों में से लगभग 40 सोसायटियों के नागरिकों ने सामूहिक पुनर्विकास का विरोध जताया है. म्हाडा के नियमों के अनुसार, कई एकल पुनर्विकास परियोजनाओं की प्रक्रिया पहले से शुरू की जा चुकी है और कुछ परियोजनाओं को म्हाडा की अनुमति भी मिल चुकी है. इसके बावजूद केवल विधायक हेमंत रसने के पत्र के आधार पर कुछ धनाढ्य बिल्डरों के हितों को देखते हुए शासन ने इन परियोजनाओं पर रोक लगा दी है. इस रोक के विरोध में आंदोलनों और निवेदनों के माध्यम से न्याय की मांग करने के बाद भी जब रोक नहीं हटाई गई, तो लोकमान्यनगर बचाव कृति समिति ने मंगलवार को पत्रकार-वार्ता में इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी. लोकमान्यनगर की म्हाडा कॉलोनी में पुनर्विकास की प्रक्रिया चल रही है. लगभग साढ़े सोलह एकड़ क्षेत्र में बनी इस कॉलोनी में 57 इमारतें और 803 फ्लैट हैं. करीब 64 वर्ष पहले लोड बेयरिंग संरचना में बनी ये इमारतें अब जर्जर और खतरनाक हो चुकी हैं, इसलिए पिछले कुछ वर्षों से पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू की गई है. तीन से चार सोसायटियों ने मिलकर अपनी इमारतों का पुनर्विकास भी पूरा कर लिया है. वहीं, बाकी 51 में से 40 से अधिक सोसायटियां पिछले 12 वर्षों से पुनर्विकास की प्रक्रिया में हैं. इनमें से कुछ सोसायटियों को म्हाडा की मंजूरी भी मिल चुकी है और उन्होंने फीस भी जमा कर दी है. सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा था, तभी कसबा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक हेमंत रसने ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यहां की एकल पुनर्विकास परियोजनाओं पर रोक लगाने और सभी सोसायटियों को मिलाकर एक संयुक्त परियोजना लागू करने की मांग की. उन्होंने लोकमान्यनगर के कुछ लोगों को साथ लेकर मे. एस.एस.के. नामक बिल्डर को पूरा भूखंड दिलाने के लिए म्हाडा अधिकारियों के साथ मिलकर यह साजिश रची है. खास बात यह है कि मे. एस.एस. के. बिल्डर का भी यहां की छह इमारतों के संयुक्त पुनर्विकास का प्रस्ताव था. लेकिन इन छह में से दो इमारतों की सोसायटियों ने यह प्रस्ताव मंजूर नहीं किया था. इसके बावजूद म्हाडा अधिकारियों ने इन दो सोसायटियों को पत्र भेजकर प्रस्ताव को मंजूर करने के लिए दबाव डाला और दस्तावेज पूरे करने को कहा. कहा जा रहा है कि म्हाडा के अधिकारी इस मामले में बिल्डर के दलाल की तरह काम कर रहे हैं.
नागरिकों में भारी आक्रोश
पिछली एक पीढ़ी से नागरिक इस पुनर्विकास के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन विधायक हेमंत रासने ने बिल्डर के हित में मुख्यमंत्री से रोक लगवाकर नागरिकों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है. हमारी अगली पीढ़ी को क्या सुरक्षित और वैध घर मिलेगा? इस चिंता और गुस्से से भरे नागरिकों ने विधायक हेमंत रासने के कार्यालय और म्हाडा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. अधिकारियों और राज्य के नेताओं को ज्ञापन भी सौंपा गया. लेकिन एक बिल्डर पेशे के विधायक ने म्हाडा अधिकारियों को साथ मिलाकर नागरिकों को परेशान करना जारी रखा है. इससे शिक्षित और सुसंस्कृत नागरिक भी परेशान हैं, इसलिए आवश्यकता पड़ने पर अदालत में न्याय की मांग की जाएगी, ऐसी चेतावनी लोकमान्यनगर बचाव कृति समिति ने दी है. इस अवसर पर एडवोकेट गणेश सातपुते, हेमंत पाटिल, उत्पल वी.बी. आदि उपस्थित थे.