थैलेसीमिया की रोकथाम में ‌‘प्रिथम पहल' बनी मिसाल

सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के डॉ. राजीव येरवडेकर ने कहा : अस्पतालों और चिकित्सकों को ‌‘प्रथम सम्मान" प्रदान

    06-Nov-2025
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एरंडवणे, 5 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त संबंधी बीमारी है. यदि दो थैलेसीमिया माइनर व्यक्ति आपस में विवाह करते हैं, तो उनके बच्चे के थैलेसीमिया मेजर होने की संभावना 25 प्रतिशत तक रहती है. लेकिन इस बीमारी को गर्भावस्था के दौरान जांच के माध्यम से रोका जा सकता है. इसी जनजागरण और रोकथाम के उद्देश्य से शुरू की गई प्रिथम पहल आज अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. थैलेसीमिया मुक्त समाज बनाने के लिए सरकारी और निजी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा, ऐसे विचार सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्राचार्य डॉ. राजीव येरवड़ेकर ने रखे. थैलेसीमिया की रोकथाम में सक्रिय योगदान देने वाले अस्पतालों को प्रिथम सम्मानफ से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में डॉ. येरवडेकर बोल रहे थे. मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों के सम्मान में यह कार्यक्रम उमरजी मदर एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल (बाणेर) और जनकल्याण ब्लड बैंक (पुणे) के संयुक्त तत्वावधान में एरंडवणे स्थित सेवाभवन में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में पुणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग की उपप्रमुख डॉ. कल्पना बलीवंत, बी. जे. मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग प्रमुख डॉ. संजयकुमार तांबे, महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान वेिशविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश गंभीर और पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की डॉ. शैलजा भावसार उपस्थित रहीं. इस अवसर पर यशवंतराव चव्हाण स्मृति अस्पताल के स्त्री रोग प्रमुख डॉ. असलकर और साने गुरुजी अस्पताल के संयुक्त सचिव अरुण गुजर भी विशेष रूप से उपस्थित थे. डॉ. कल्पना बलीवंत ने प्रिथम उपक्रम की सराहना करते हुए भविष्य में भी पुणे मनपा की ओर से आवश्यक सहयोग देने का ओशासन दिया. कार्यक्रम का परिचय जनकल्याण ब्लड बैंक के संचालक डॉ. अतुल कुलकर्णी ने दिया. उमरजी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. चिन्मय उमरजी ने अभियान की पृष्ठभूमि व उद्देश्य स्पष्ट किया. पुणे और पिंपरी-चिंचवड क्षेत्र के कई अस्पतालों ने इस पहल में भाग लिया. इन अस्पतालों की गर्भवती महिलाओं की थैलेसीमिया जांच जनकल्याण ब्लड बैंक की भारत विकास परिषद प्रयोगशाला में निशुल्क की गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जनकल्याण समिति के कार्यवाह प्रमोद गोढ़े और उमरजी अस्पताल की डॉ. मुक्ता उमरजी ने अतिथियों का सम्मान किया. भारत विकास परिषद पैथोलॉजी लैब के प्रमुख डॉ. अमोल राजहंस ने आभार व्यक्त किया.