मूत्र राेगों के इलाज हेतु रोबोटिक सर्जरी तकनीक विकसित

एस हॉस्पिटल की उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका जर्नल ऑफ रोबोटिक सर्जरी में प्रकाशित

    08-Nov-2025
Total Views |
bfsbfs
एरंडवणा, 7 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

वरिष्ठ मूत्र रोग विशेषज्ञ और एस अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. सुरेश पाटणकर ने मूत्र रोग विशेषज्ञों डॉ. गुरुराज पडसलगी, डॉ. सचिन भुजबल और डॉ. सौरभ उपलेंचवार के नेतृत्व में हाल ही में रोबोटिक्स की मदद से एक जटिल किडनी रोग पर दो एक साथ प्रक्रियाएं - लैप्रोस्कोपिक पायलोलिथियम और बुक्कल म्यूकोसल ग्राफ्ट (बीएमजी) कीं. यह नई तकनीक जटिल किडनी रोगों में रोबोटिक तकनीक के उपयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह दुनिया की पहली ऐसी रोबोटिक सर्जरी है जो किसी वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुई है. इस पर एक लेख हाल ही में जर्नल ऑफ रोबोटिक सर्जरी जर्मनी में प्रकाशित हुआ. सर्जनों की टीम में एनेस्थेटिस्ट डॉ. सोनाली वस्ते, डॉ. सुचिता हार्डिकर और डॉ. नेहा बनवट भी शामिल थीं. इस बारे में जानकारी देते हुए एस हॉस्पिटल (एरंडवणे) के अध्यक्ष प्रो. डॉ. सुरेश पाटणकर ने बताया कि एक 41 वर्षीय पुरुष मरीज पेट दर्द की शिकायत लेकर हमारे अस्पताल आया था. उसकी किडनी शरीर में अपने सामान्य स्थान के बजाय पेट में पाई गई. इस स्थिति को एक्टोपिक किडनी कहा जाता है. यह एक दुर्लभ जन्मजात स्थिति है. इसके अलावा, उसे कई गुर्दे की पथरी भी पाई गई. ऐसी जटिल स्थिति से निपटने के लिए कोई दिशा- निर्देश नहीं हैं. फिर भी, एस हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने रोबोटिक सर्जरी करने का फैसला किया. यह पाया गया कि एक्टोपिक पेल्विक किडनी की इस स्थिति में ऐसी किडनी स्टोन और बुक्कल म्यूकोसल ग्राफ्ट (बीएमजी) निकालने का कोई रिकॉर्ड नहीं है. हमारे दावे को प्रतिष्ठित जर्नल जर्नल ऑफ रोबोटिक सर्जरी ने स्वीकार कर लिया है और इस प्रक्रिया को प्रकाशित किया गया है.