चिंचवड़, 9 दिसंबर (आ.प्र.) आधुनिक तकनीकी की वजह से दुनिया अब गांव बन गई, गांव और शहर के बीच फासले कम हो गये हैं युवाओं, पढ़ाई का लुत्फ उठाओ. यह जीवन दोबारा नहीं मिलेगा. डॉक्टर बनो, प्रतियोगिता परीक्षा से तहसीलदार या कलेक्टर बनोगे! फिर तुम्हारा हस्ताक्षर गांव या शहर की किस्मत बदल देगा. किसी भी क्षेत्र में जाओ, अपने पसंदीदा क्षेत्र में काम करो. ऐसा काम करो जिससे तुम्हारे मां-बाप को गर्व महसूस हो. याद रखो कि आधुनिक तकनीकी की वजह से दुनिया अब गांव बन गई है. गांव और शहर के बीच फासले कम हो गए हैं. उसके लिए अपने कौशल पर ध्यान दो. ये पांच-दस वर्ष पढ़ाई को दो, उसके लिए सही कौशल हासिल करो, पढ़ाई करो और अपना भविष्य बदलो. स्पर्धा के जमाने में खुद को आदर्श साबित करने के लिए जशरी सही ज्ञान हासिल करो. अगर तुम आज खुद को नहीं बदलोगे, तो भविष्य में टिक नहीं पाओगे. यह बात ध्यान में रखो. नवीनतम को अपनाओ. अब, जैसे जमाना बदल गया है, वैसे खुद को बदलो. हम अपना जीवन को कहां ले जाना चाहते हैं? हमारे जीवन की सही दिशा क्या होनी चाहिए? यह तय करने का यही सही समय है. व्याख्याता गणेश शिंदे ने कहा. चिंचवड़ स्थित प्रतिभा ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूट्स की ओर से आयोजित प्रतिभा सृजन व्याख्यान श्रृंखला में ‘विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को संवारने में अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, बच्चों से खुलकर बातचीत होनी चाहिए. उन्हें कभी-कभी विस्मय की भावना भी महसूस होनी चाहिए. उचित प्रशंसा करें. छोटे बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखें.