लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता साेनम वांगचुक की संस्था हिमालनय इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख काे शिक्षा पर संसद की स्थायी समिति की रिपाेर्ट में राेल माॅडल बताया गया है. साेमवार काे संसद में पेश रिपाेर्ट में समिति ने HILकी सफलता काे सामुदायिक जुड़ाव, अनुभवात्मक शिक्षा, और भारतीय ज्ञान प्रणालियाें काे सशक्त बनाने के संदर्भ में सराहा. समिति ने सिफारिश की कि UGCन केवल HILकाे मान्यता दे, बल्कि इसे नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन का आदर्श मान इस संस्था की स्टडी करे.जुलाई में संसदीय समिति ने लद्दाख कदाैरा किया था और SECMOL और HILमें आधे दिन का समय बिताया था. इस समिति काे शिक्षा मंत्रालय के प्रदर्शन की समीक्षा करने का कार्य साैंपा गया है. संसदीय समिति ने अपनी रिपाेर्ट में कहा कि- कखङ लद्दाख में अलग तरीके से, करके सीखने वाली पढ़ाई कराई जाती है.
यह पढ़ाई स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण से जुड़ी है. UGCने अभी तक HILकाे मान्यता नहीं दी, लेकिन इसे मान्यता मिलनी चाहिए्. HILने आइस स्तूप जैसी गतिविधियाें से स्थानीय लाेगाेंकाे मदद दी और अंतरराष्ट्रीय पहचान पाई्.समिति चाहती है कि HILके माॅडल काे देश के अन्य स्थानाें पर भी अपनाया जाए.संसदीय समिति की रिपाेर्ट का वह भाग जिसमें HILकी सराहना की गई है. साेनम वांगचुक लद्दाख के साेशल वर्कर हैं. 24 सितंबर काे लेह में हिंसा हुई थी इसमें चार लाेगाें की माैत हुई थी और 90 लाेग घायल हाे गए थे. सरकार ने आराेप लगाया कि साेनम वांगचुक ने हिंसा भड़काई. इस पर 26 सितंबर काे साेनम वांगचुक काे राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NIA) के तहत हिरासत में लिया गया था. हिरासत में लेने के बाद राजस्थान के जाेधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया. तब से वांगचुक जेल में हैं.