पुणे, 15 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) पुणे पुस्तक महोत्सव के मुख्य आयोजक राजेश पांडे ने बताया कि बीते दो दिनों में पुस्तकों की खरीद-बिक्री से करोड़ों रुपये का कारोबार हुआ है. पुणे पुस्तक महोत्सव के पहले दो दिनों, अर्थात शनिवार और रविवार को डेढ़ लाख से अधिक नागरिकों ने पुस्तक खरीदने का भरपूर आनंद लिया. इसमे युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही. कई नागरिकों ने एक से अधिक पुस्तकें खरीदीं. राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट (एनबीटी)द्वारा 13 से 21 दिसंबर तक शहर के फर्ग्यूसन कॉलेज के मैदान में पुणे पुस्तक महोत्सव का आयोजन किया गया है. शनिवार को धूमधाम से शुरू हुए इस महोत्सव में पुस्तकों की खरीदारी करने के लिए नागरिकों की ओर से अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है. महोत्सव के पहले दिन भारी भीड़ उमड़ी थी. 70,000 से अधिक नागरिक उपस्थित थे. आयोजकों ने बताया कि, अंतिम दिन भी इतनी ही भीड़ देखने को मिलेगी. आयोजक पांडे ने बताया कि, पहले दो दिनों में महोत्सव के दोनों पवेलियन मराठी, हिंदी और अंग्रेजी सहित विभिन्न विषयों की पुस्तकें खरीदने के लिए नागरिकों की भीड उमडी जिनमें विदेशी नागरिक भी इस भीड़ में शामिल थे. शनिवार सुबह से रविवार शाम तक डेढ़ लाख से अधिक नागरिक आए. इनमें से कई नागरिक एक से अधिक पुस्तकें खरीदने के इच्छुक थे. पुस्तक स्टॉलों पर जाने के साथ-साथ, इन पुस्तक प्रेमियों ने अपने बच्चों को बाल कॉर्नर में भी ले जाकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुफ्त उठाया. देखा जा रहा है कि, इस महोत्सव में न केवल पुणे शहर से बल्कि आसपास के पिंपरी-चिंचवड और पुणे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से भी छात्र, शिक्षक और प्रोफेसर आ रहे हैं. इसी वजह से महोत्सव में अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है. चूंकि यह एक एनबीटी महोत्सव है, इसलिए पुस्तकों की खरीद पर 10 प्रतिशत की छूट दी जा रही है. इसी तरह, प्रसिद्ध प्रकाशकों द्वारा भी पुस्तकों की खरीद पर कुछ छूट दी जा रही है. इसका पुस्तक खरीद के कारोबार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इन दो दिनों में पुस्तक खरीद से कुछ करोड़ का कारोबार हुआ है.
पुस्तकालयों और कॉलेजों से पुस्तकों की खरीदारी पश्चिमी महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में वेिशविद्यालय, कॉलेज, सार्वजनिक पुस्तकालय, पुस्तकालय आदि हैं. इन संस्थानों को हर साल बड़ी संख्या में किताबें खरीदनी पड़ती हैं. पुणे केंद्र मध्यवर्ती होने के कारण पुणे पुस्तक महोत्सव में रियायती दरों पर किताबें खरीदना किफायती साबित होता है. देखा जा रहा है कि, इन सभी संस्थानों से बड़ी मात्रा में नई किताबें खरीदी जा रही हैं. इस महोत्सव में नई किताबों और लेखकों के बारे में जानने के साथ-साथ साहित्यिक जगत के नए रुझानों की जानकारी भी मिलती है. लेखकों से बातचीत करके उनसे साहित्य के बारे में नई जानकारी प्राप्त की जा सकती है. पुस्तकालयाध्यक्षों का कहना है कि, इससे कॉलेजों और पुस्तकालयों को काफी लाभ हो रहा है.
अंतिम समय में जानकारी देंगे, कितना कारोबार हुआ ? महोत्सव के अंतिम चरण में इस बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी कि, किन पुस्तकों की सबसे अधिक बिक्री हुई, कौन से विषय लोकप्रिय रहे और कुल कारोबार कितना हुआ है. - राजेश पांडे, मुख्य आयोजक.