उत्तम दर्जे की साहित्य रचना में महाराष्ट्र अग्रेसर : फडणवीस

    16-Dec-2025
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पुणे, 15 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

ज्ञान हमेशा इंसान की समझ को बढ़ाता है. अच्छे सकारात्मक विचार विचारों की प्रगल्भता को बढ़ाते हैं. समाज के लोगों के मन में क्रांतिकारी सोच और समाज सुधार के विचारों की प्रेरणा देने में महाराष्ट्र कायम अग्रेसर रहा है. इसीलिए महाराष्ट्र हमेशा ही अच्छे साहित्य रचना में नंदनवन रहा है, ऐसे गौरवोद्गार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किए. पुणे बुक फेस्टिवल के मुख्य संयोजक राजेश पांडे कि, ‌‘युवा भारताच्या लोकसहभागाची गिनीजगाथा' इस पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया. वे उस समय बोल रहे थे. उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, शहरी विकास राज्य मंत्री माधुरी मिसाल, नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमैन मिलिंद मराठे, नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर युवराज मलिक, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. सुरेश गोसावी, कृष्णकुमार गोयल, प्रसन्नजीत फडणवीस, बागेश्री मंठालकर, किरण ठाकुर मंच पर उपस्थित थे. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज के मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में क्या किताबें पढ़ी जाएंगी, यह सवाल उठ रहा था. टेक्नोलॉजी कितनी भी विकसित हो, कितनी भी पीढ़ियां बीत जाएं, लेकिन किताबों का अभिजात सौंदर्य और ज्ञान आज भी कायम है और आगे भी रहेगा. पुणे के नागरिक हमेशा किताबें खरीदते और पढ़ते हैं. ज्ञान से इंसान की चेतना का विकास होता है. इसीलिए इंसान का बौद्धिक विकास परिपक्वता की ओर होता है. इसलिए ज्ञानी लोगों के सान्निध्य में रहना चाहिए. ज्ञान का व्यक्तित्व पर सकारात्मक असर होता है. मराठी भाषी लोग किताबों के प्रेमी होते है. महाराष्ट्र में अनेक बार मराठी साहित्य सम्मेलन हुए हैं. भारत के नागरिकों में स्किल और स्केल दोनों भी है. जनसंख्या को भी सकारात्मक दृष्टीकोण से देखना चाहिए. चीन ने अपने नागरिकों में सकारात्मक सोच पैदा की. इससे उनका विकास हुआ. जब समाज को सही दिशा मिलती है, तो विकास जशर होता है. भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसी विश्वविद्यालय थीं. लेकिन हमने डॉक्यूमेंटेशन का तरीका नहीं अपनाया. इसलिए, आज हमारा ज्ञान उपलब्ध नहीं है. हम अंग्रेजों का लिखा इतिहास पढ़ते रहे हैं. आजादी के बाद, इतिहास की समीक्षा की उम्मीद थी. हालांकि, अब देश में सोच बदल रही है. देश डॉक्यूमेंटेशन की ओर बढ़ रहा है. हमारे पास दुनिया का इतिहास बदलने की क्षमता है. यह विचार भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किए. युवराज मलिक ने कहा कि पुणे शहर में पढ़ने का एक शानदार कल्चर है. किताबें पढ़ना इंसानों के लिए जीने का एक तरीका है. अगर भारत पढ़ेगा, तो भारत आगे बढ़ेगा. विकसित भारत बनाना हम सभी नागरिकों की जिरमेदारी है. राजेश पांडे ने कहा कि पुणे बुक फेस्टिवल का आयोजन पढ़ने का कल्चर पैदा करने के मकसद से किया गया है. यह फेस्टिवल में युवाओं को पढ़ने के कल्चर के सकारात्मक नजरिए से जोड़ने की एक कोशिश है. कार्यक्रम का सूत्रसंचालन डॉ. संजय चाकणे ने किया. अभय कुलकर्णी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.