स्प्रेडिंग स्माइल्स सीएसआर पहल को जर्मन टेक्नोलॉजी से सहयोग

‌‘साईश्री विटालाइफ हॉस्पिटल" जर्मन संस्था के साथ करेगा काम : कटे होंठ और कटे तालू वाले बच्चों को फायदा होगा,जरुरतमंदों को मुफ्त सर्जरी

    17-Dec-2025
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डेक्कन, 16 दिसंबर (आ. प्र.)

पुणे के जाने-माने साईश्री विटालाइफ हॉस्पिटल ने जर्मनी के स्ट्रासबर्ग ऑस्टियोसिंथेसिस रिसर्च ग्रुप (SORG) के साथ मिलकर कटे होंठ और कटे तालू वाले बच्चों के लिए काम किया है. इसके तहत, जशरतमंद बच्चों की मुरत सर्जरी की जा रही है. मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी के हेड और मैक्सिलोफेशियल और प्लास्टिक सर्जन प्रो. डॉ. पी. ए. डब्ल्यू. एच. केसलर, नीदरलैंड के ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. वेरोनिक टिमर और डॉ. निंक ली और SORG इंडिया चैप्टर की प्रेसिडेंट डॉ. सरुचि अग्रवाल, साईश्री विटालाइफ ग्रुप के प्रेसिडेंट डॉ. नीरज आडकर और साईश्री विटालाइफ हॉस्पिटल में मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. पुष्कर वकनीस ने मंगलवार (16 दिसंबर) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि SORG ग्रुप के डॉक्टरों की एक टीम अभी भारत के दौरे पर है. उन्होंने हाल ही में वाकड़ में नए खुले साईश्री विटालाइफ हॉस्पिटल का दौरा किया. पिछले दो दौरे औंध में साई श्री यूनिट के थे. यह दुनिया भर में मशहूर एकेडमिक इंस्टीट्यूशन है जो क्लेफ्ट लिप, क्लेफ्ट पैलेट, जबड़े की सर्जरी और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी, ओरल कैंसर सर्जरी के लिए गाइडलाइन और एडवांस्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल बनाता है. जबकि साई श्री विटालाइफ 305 बेड वाला मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल है. यह तेजी से बढ़ रहे साई श्री विटालाइफ ग्रुप का हिस्सा है, जिसके 6 क्लीनिक और 3 हॉस्पिटल हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. पुष्कर वाकनीस ने इस कोलेबोरेशन और स्प्रेडिंग स्माइल्स सीएसआर इनिशिएटिव के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया, मैं 2012 में नीदरलैंड्स में डॉ. केसलर से मिला था. उस समय उन्होंने इस इनिशिएटिव में कोलेबोरेट करने के लिए अपनी तैयारी दिखाई थी. साईश्री विटालाइफ ग्रुप के प्रेसिडेंट डॉ. नीरज आडकर ने कहा कि अब तक 150 से अयादा बच्चों को इससे फायदा हुआ है. हम इस इनिशिएटिव से अयादा लोगों तक पहुंचना चाहते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये सर्जरी कंजेनिटल क्लेफ्ट लिप वाले बच्चों के विकास में बेहद जशरी हैं. डॉ. पुष्कर वाकनीस ने कहा, रिजिड एक्सटर्नल डिवाइस (RED) एक खास डिवाइस है जिसका इस्तेमाल चेहरे की बीमारियों वाले बच्चों के ऊपरी जबड़े को आगे की ओर धकेलने के लिए किया जाता है. इसके लिए एक मेटल फ्रेम का इस्तेमाल किया जाता है. इसे हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके एडजस्ट किया जाता है. इन हल्के मूवमेंट से नई हड्डी बनती है, और चेहरा बेहतर दिखने लगता है. इसके अलावा, सांस लेना और खाना आसान हो जाता है. इस पहल के लिए RED फ्रेम KLS मार्टिन, जो एक जर्मन सर्जिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनी है, ने डोनेट किए हैं. SORG इंडिया चैप्टर की प्रेसिडेंट डॉ. सरुचि अग्रवाल ने कहा कि डजठॠ का मुख्य मकसद पोस्ट ग्रेजुएट पढ़ाई कराना और ट्रेनी और अनुभवी सर्जनों को लेटेस्ट मैक्सिलोफेशियल सर्जरी की ट्रेनिंग देना है. इसमें क्लेफ्ट लिप सर्जरी, चेहरे की हड्डी के फ्रैक्चर की सर्जरी और मुंह के कैंसर की सर्जरी शामिल हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्राथमिक क्लेफ्ट लिप और पैलेट सर्जरी फ्री में की जाती हैं और बाद की सर्जरी के मामले में, हॉस्पिटल रिजिड एक्सटर्नल डिवाइस डिस्ट्रैक्टर जैसे इक्विपमेंट का खर्च उठाता है.  
 
क्लेफ्ट लिप सोशियो-इकोनॉमिक लेवल पर होने वाली समस्या

 क्लेफ्ट लिप जन्म से होने वाली बीमारी है. यह तब होती है जब प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ऊपरी होंठ के सेल्स आपस में जुड़ नहीं पाते हैं. कभी-कभी यह दरार नाक तक फैल जाती है और कभी-कभी इसके साथ क्लेफ्ट पैलेट भी हो जाता है. क्लेफ्ट लिप की प्राइमरी सर्जरी 3 से 6 महीने की उम्र के बीच की जाती है, जबकि क्लेफ्ट पैलेट की सर्जरी 9 से 18 महीने की उम्र के बीच की जाती है. अगर ये सर्जरी समय पर नहीं की जाती हैं, तो बोलने में दिक्कत, सुनने में कमी, दांतों की समस्या और कुल मिलाकर जीवन की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ सकता है. क्लेफ्ट लिप एक ऐसी समस्या है जो सभी सोशियो-इकोनॉमिक लेवल पर होती है.