सुप्रीम काेर्ट ने मंगलवार काे इलाहाबाद हाईकाेर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर लाेकसभा स्पीकर ओम बिरला काे नाेटिस जारी किया है. जस्टिस यशवंत वर्मा ने याचिका में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आराेपाें की जांच के लिए बनाई जांच समिति काे चुनाैती दी है.याचिका में जजाें की जांच अधिनियम की प्रक्रिया के तहत अकेले लाेकसभा से बनाई गई 3 सदस्याें वाली समिति की वैधता काे चुनाैती दी गई थी. जस्टिस दीपांकर दत्ता और ऑगस्टीन जाॅर्ज मसीह की बेंच ने लाेकसभा स्पीकर के कार्यालय और दाेनाें सदनाें के महासचिवाें काे नाेटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.
काेर्ट ने कहा- जस्टिस दत्ता ने पूछा- संसद में इतने सारे सांसद और कानूनी विशेषज्ञ माैजूद थे, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, संसद में माैजूद कानूनी विशेषज्ञाें ने इसे हाेने कैसे दिया. 14 मार्च काे दिल्ली में जज के आधिकारिक आवास के स्टाेररूम में आग लगने के बाद जले हुए नाेटाें के बंडल मिले थे. इसके बाद के घटनाक्रम में उन्हें इलाहाबाद हाईकाेर्ट ट्रांसफर कर दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2026 काे हाेगी. 7 अगस्त काे सुप्रीम काेर्ट ने इंटरनल कमेटी की रिपाेर्ट और सीजेआई खन्ना की जस्टिस वर्मा काे पद से हटाने की सिफारिश के खिलाफ दायर याचिका काे खारिज कर दिया था. उन्हाेंने अब न्यायाधीश (जांच) अधिनियम के तहत शुरू की गई कार्यवाही काे चुनाैती देते हुए यह याचिका दायर की है.