पुणे, 17 दिसंबर (आ.प्र.) पुणे के सर्राफा मार्केट में प्रति किलो चांदी की कीमतें बुधवार (17 दिसंबर) को 2 लाख रुपये तक पहुंच गई. इसलिए, रिटेल काउंटर पर एक किलो चांदी खरीदने के लिए ग्राहकों को 2 लाख रुपये में 3 प्रतिशत जीएसटी के 6 हजार रुपये जोड़कर कुल 2 लाख 6 हजार रुपये देने पड़े. खास बात यह है कि मंगलवार (16 दिसंबर) से बुधवार तक एक दिन में चांदी की कीमत में साढ़े 7 हजार रुपये की भारी बढ़ोतरी हुई है. मंगलवार को चांदी की कीमत 1,92,500 रुपये प्रति किलो थी. एक साल में कीमतें दोगुनी से अयादा होने से निवेशकों की चांदी हुई है. पिछले छह महीनों में, जून से कीमतें 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये हो गई हैं. मार्च में कुछ दिनों के लिए चांदी की कीमत 1 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी. हालांकि, उसके बाद तीन महीने तक कीमत फिर से कम हो गई थी. पिछले जून से हर लगातार महीने को देखें तो छह महीने में चांदी की कीमतें दोगुनी हो गई हैं. लेकिन चांदी की कीमत में सबसे अयादा बढ़ोतरी अक्टूबर महीने में हुई थी, जो लगभग 40,000 रुपये प्रति किलो थी. अगर पिछले कैलेंडर साल 2025 पर गौर करें, तो विश्लेषकों का कहना है कि इजराइल-हमास युद्ध, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किया गया टेरिफ वॉर, अमेरिका की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और वैेिशक महंगाई जैसे कई कारणों से सोने और चांदी की कीमतों में बहुत अयादा बढ़ोतरी हुई है. अगर जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 तक की बात करें, तो सोने की कीमत में लगभग 75% या 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हुई है. जनवरी में सोने की कीमत 77,000 रुपये थी, जो अब लगभग 1,32,400 रुपये है. इसी दौरान, प्रति किलोग्राम चांदी की कीमत में 1,13,400 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.रुपये के एक्सचेंज रेट में बढ़ोतरी की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अभी पुणे के सर्राफा बाजार में प्रति किलो चांदी की कीमत 2 लाख रुपये है. यह चांदी की कीमत का रिकॉर्ड हाई है. जनवरी 2025 से अब तक पिछले 12 महीनों में चांदी की कीमत में लगभग 120 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. चांदी ने सोने से अयादा रिटर्न दिया है. कैलेंडर साल 2025 की शुरुआत में सोना और चांदी खरीदने वालों को फायदा हुआ है. चांदी की कीमतें अभी बढ़ रही हैं. कई लोगों का अनुमान है कि ये तेजी जारी रहेगी, जिससे अगले कुछ दिनों तक निवेशक, ग्राहक और ज्वेलर्स दोनों धातुओं पर नजर रखेंगे.
10 से 15 दिनों का एब्जॉर्प्शन पीरियड होता है
जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से कई देशों के सेंट्रल बैंकों ने सोने और चांदी की खरीदारी बढ़ा दी है. वे बहुत अयादा मात्रा में खरीदते हैं. क्योंकि, ऐसी एसेट पर भरोसा बढ़ा है. हालांकि, चांदी की कीमतों में मौजूदा बढ़ोतरी का कुछ समय के लिए बिजनेस पर बुरा असर पड़ता है. यह एक टेम्पररी झटका लगने जैसा होता है. ग्राहक कुछ समय बाद बढ़ी हुई कीमतों को मान लेते हैं और फिर से खरीदारी शुरू हो जाती है. यह आमतौर पर 10 से 15 दिनों का एब्जॉर्प्शन पीरियड होता है. दिसंबर महीने में लोग घूमने-फिरने और छुट्टियों पर बाहर जाते हैं. इसलिए, इस दौरान कोई बड़ी खरीदारी नहीं होती है. जनवरी के बाद शादियों का सीजन फिर से शुरू हो जाएगा. उसके बाद खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है. अभी, मार्केट में निवेशक हैं. जो चांदी में निवेश करने का मन बना सकते हैं - राहुल चोपड़ा, सत्यम ज्वेलर्स, निगड़ी
कीमतों में तेजी बने रहने का अनुमान अभी की हालत यह है कि चांदी की डिमांड अयादा है और सप्लाई कम है. इस वजह से अभी कीमतों में बढ़ोतरी दिख रही है. इंडस्ट्री की डिमांड अयादा है और इसके कम होने के आसार नहीं है. इसके अलावा, इसकी एक बड़ी वजह सट्टेबाजी को भी देखा जा रहा है. हालांकि अभी कीमतों में बढ़ोतरी नेचुरल नहीं लग रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह स्थिर रहेगी. यानी, यहां से कीमतों में बहुत अयादा गिरावट आने की उम्मीद नहीं है. जैसे-जैसे कीमतें बढ़ रही हैं, ग्राहकों का भरोसा बढ़ रहा है. कुछ लोग शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट बुक कर रहे हैं. हालांकि, जिन्हें लगता है कि कीमतें और बढ़ेंगी, वे निवेश कर रहे हैं. जो खरीदना चाहते हैं, वे बढ़ी हुई कीमत पर भी खरीद रहे हैं. - वास्तुपाल रांका, रांका ज्वेलर्स, कर्वे रोड
आम ग्राहकों पर बड़ा असर पड़ने की उम्मीद नहीं
पिछले कुछ समय में सोने और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. ये कीमतें वैेिशक स्तरों पर तय होती हैं. हालांकि, यह कहने का कोई ठोस कारण नहीं दिखता है कि कीमतों में यह बढ़ोतरी क्यों हुई है और कीमतें कब तक ऊंची रहेंगी. चांदी की कीमतें अभी ऐतिहासिक उंचाई पर हैं. हालांकि, आम ग्राहकों पर इसका कोई बड़ा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि आम ग्राहक पायल जैसी छोटी खरीदारी करते हैं. उनकी धार्मिक खरीदारी भी होती है. लोग उनमें भगवान की मूर्तियां या पूजा का सामान खरीदते हैं. ऐसी खरीदारी पर भी कीमतों में बढ़ोतरी का कोई असर नहीं पड़ता है. जाहिर है, जिन लोगों पर असर पड़ सकता है, उनका एक बड़ा वर्ग इसे इन्वेस्टमेंट के नजरिए से देख रहा है. वह वर्ग अलग है. इसलिए, ऐसी उम्मीद नहीं है कि इस कीमत बढ़ोतरी का उन पर भी कोई बड़ा असर पड़ेगा. - संगीता ललवाणी, डायरेक्टर, गोल्ड माट