पुणे , 1 दिसंबर (आ.प्र.) भारत को अंतर्रराष्ट्रीय व्यापार की दृष्टि से बहुत ही अच्छी ज्योग्राफिकल समुद्री सीमा उपलब्ध है. समुद्री व्यापार का देश की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी में 60 प्रतिशत हिस्सा है. इसलिए, ‘आत्मनिर्भर भारत' और ‘विकसित भारत' के नजरिए से, ‘ब्लू इकोनॉमी' का योगदान अहम होगा,यह विश्वास नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने व्यक्त किया. सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेन्स एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज् की तरफ से आयोजित, जनरल बी.सी.जोशी मेमोरियल लेक्चर में, नौसेना प्रमुख दिनेश त्रिपाठी बोल रहे थे. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रा.डॉ. सुरेश गोसावी, प्र-कुलपति प्रा.डॉ.पराग कालकर, डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रा.डॉ. विजय खरे, रजिस्ट्रार प्रा. डॉ.ज्योति भाकरे मंच पर उपस्थित थे. कार्यक्रम का सूत्रसंचालन भारती कोकिल ने किया. नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि, देश आत्मनिर्भर और विकसित होने के उद्देश्य से नेवी की भी भूमिका अहम है, क्योंकि अब नेवी भी डिफेन्स इंडस्ट्री के साथ मिलकर स्वदेशी तकनीक को अपनाने के लिए एक साथ काम कर रही है. इस के कारण भविष्य में नए रोजगार का सृजन होगा और रोजगार भी बढेगा. सागरी सुरक्षा का विषय भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए नेवी भी संपूर्णतः भारत में बनी (इंडिजीनस टेक्नोलॉजी) तकनीक द्वारा युद्धपोत (वॉरशिप) बनाने पर लक्ष्य केंद्रित किया गया है. मेरिटाइन वॉरफेयर में आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स का उपयोग होना शुरू हो गया है. केंद्र सरकार द्वारा भी समुद्री सीमा के सुरक्षा उद्देश्य से कई कदम उठाए गए हैं. ग्लोबल सी ट्रेड में दिन-ब- दिन बढती हो रही है. इस में भारत की भूमिका भी अहम है. हमारा 95 प्रतिशत व्यापार समुद्र से होता है. फिशिंग इंडस्ट्री में भी भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है क्योंकि वह दुनिया में फिशिंग इंडस्ट्री के उत्पाद का निर्यात करने वाला देश है.