बीएमसी के प्राॅपर्टी टैक्स में 11000 कराेड़ अटके !

    23-Dec-2025
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BMC 
 
बृहन्मुंबई नगर निगम और मुंबई के करदाताओं के बीच संपत्ति कर काे लेकर चल रहा विवाद अब एक गंभीर माेड़ ले चुका है. मनपा के रिकाॅर्ड बताते हैं कि अगस्त 2025 तक मुंबई की 481 संपत्तियाें पर कुल 10,899.96 कराेड़ का बकाया है. यह विवाद मुख्य रूप से बीएमसी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कर गणना के उन जटिल फार्मूलाें के कारण है, जिन्हें उच्च न्यायालय और सर्वाेच्च न्यायालय ने त्रुटिपूर्ण बताया है.यह पूरा मामला 2010 में शुरू हुआ जब बीएमसी ने पूंजी मूल्य प्रणाली (सीवीएस) पेश की.इस पद्धति का सबसे विवादित हिस्सा मसंभावित फ्लाेर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) पर आधारित कर गणना थी.
 
सरल शब्दाें में, यदि किसी जमीन पर 12 मंजिल बनाने की क्षमता है, लेकिन वास्तव में केवल 6 मंजिल ही बनी हैं, ताे बीएमसी 12 मंजिलाें के हसाब से कर वसूल रही थी. बाॅम्बे हाई काेर्ट (2019) और सुप्रीम काेर्ट (2022) ने इस पद्धति काे अवैध घाेषित करते हुए कहा कि कर केवल माैजूदा भाैतिक स्थिति पर लगना चाहिए. हालांकि, बीएमसी ने अब एक सुरक्षात्मक फाॅर्मूला अपनाया है पुरानी प्रणाली का 100% कर + नई सीवीएस प्रणाली का 50%.इसी कारण बांद्रा की अन्नाविस्टा जैसी साेसायटियाें काे 1.73 लाख के सामान्य कर के बजाय 35 लाख तक के नाेटिस मिल रहे हैं.