मलेरिया हाेने पर मरीज काे बार- बार ठंड लगकर बुखार आता है. इसके अलावा इसमें सिरदर्द और थकान भी महसूस हाेती है. फेफड़ाें की टीबी हाेने पर भी बुखार आता है. यह बीमारी बै्नटीरिया की वजह से हाेती है. इसके अन्य लक्षणाें में रात काे पसीना आना, वजन कम हाेना और खांसी है. टीबी हाेने पर बार-बार बुखार आता है. वहीं गंदे पानी और खाद्य पदार्थाें के सेवन से हाेने वाले टाइफाइड में लगातार बुखार आता है और पेट दर्द, उल्टी तथा सिरददहाेता है.
यूटीआई या औरताें में पेल्विक संक्रमण हाेने पर भी बार-बार बुखार आ सकता है. इसें पेशाब करते समय जलन और पेट के निचले हिस्से में दर्द हाेता है. डेंगू हाेने की स्थिति में अचानक तेज बुखार आता है.इसके अलावा सिर, मांसपेशियाें और जाेड़ाें में भी दर्द हाेता है. ल्यूपस हाेने पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ उतकाें पर हमला करती है. इसमें मरीज काे हल्का बुखार आता है. इसके अलावा जाेड़ाें मे दर्द, थकान और त्वचा पर रेशेज हाे सकते हैं. बुखार के दाे या उससे अधिक दिनाें तक रहने पर चिकित्सक से परामर्श लेकर इलाज कराएं अपने मन से किसी भी प्रकार की दवाई लेने से परहेज करेंं.