लता दीदी मंगेशकर परिवार की ‌‘मां' थीं

लता मंगेशकर पुरस्कार समारोह में आदिनाथ मंगेशकर ने साझा कीं यादें : माय होम इंडिया और एमआईटी द्वारा आयोजन

    25-Dec-2025
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कोथरूड, 24 दिसंबर (आ.प्र.)

आज भी हमारे दिन की शुरुआत लता दीदी के गीतों से होती है और अंत भी उन्हीं के गीतों के साथ होता है. लता दीदी मंगेशकर परिवार की केवल एक सदस्य नहीं, बल्कि हम सबकी ‌‘मां' थीं, ऐसे भावुक शब्दों के साथ पंडित हृदयनाथ मंगेशकर के पुत्र आदिनाथ मंगेशकर ने अपनी यादें ताजा कीं. वे ‌‘लता मंगेशकर पुरस्कार समारोह-2025' के अवसर पर बोल रहे थे.यह भव्य आयोजन माय होम इंडिया और एमआईटी डब्ल्यूपीयू स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था. लता मंगेशकर के अमर संगीत को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कोथरूड स्थित एमआईटी डब्ल्यूपीयू कैंपस में ‌‘सुनो सजना' नामक एक विशेष स्वर-महफिल का भी आयोजन किया गया. इस समारोह की अध्यक्षता डॉ. संजय उपाध्ये ने की. कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों के रूप में डॉ. रविकुमार चिटणीस (कुलपति, एमआईटी-डब्ल्यूपीयू), डॉ. विशाल घुले, डॉ. विनोद शाह (संस्थापक अध्यक्ष, जनसेवा फाउंडेशन), पूर्णिमा मेहता (उपाध्यक्ष, माय होम इंडिया), आनंद देवधर (ट्रस्टी) और अभय थिटे (सीईओ) समेत गणमान्य थे. लता मंगेशकर पुरस्कार 2025 (चतुर्थ वर्ष) के अंतर्गत समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले डॉ. मृदुला दाढे, डॉ. शांतनु गोखले, विजय केलकर (अण्णा), जीवन धर्माधिकारी, श्रीकांत शिर्के को सम्मानित किया गया. अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. संजय उपाध्ये ने कहा, जब मनुष्य की अच्छी आदतें परंपरा बन जाती हैं और वही परंपरा पूरे देश में फैलती है, तो वह संस्कृति का रूप ले लेती है. मंगेशकर परिवार ने संगीत की जिस समृद्ध परंपरा को जीया है, वह आज हमारे देश की संस्कृति बन चुकी है.समारोह के दौरान डॉ. मृदुला दाढे और विजय केलकर ने गीतों की प्रस्तुति के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. कार्यक्रम का संगीत संयोजन प्रशांत ललित ने किया और मंच संचालन मंदार खराडे द्वारा किया गया.