देश में मल्टी-डाेर काेर्ट बनें: चीफ जस्टिस

    27-Dec-2025
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justice 
 
भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने शुक्रवार काे पणजी में कहा कि मध्यस्थता कानून की कमजाेरी का संकेत नहीं है, बल्कि यह उसका सबसे बड़ा विकास है. यह न्याय के कल्चर से भागीदारी के कल्चर की ओर एक सच्चा बदलाव है, जहां हम सद्भाव पैदा करते हैं. सीजेआई दक्षिण गाेवा के सांकवाले गांव में इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च के इवेंट मध्यस्थता विषय पर बाेल रहे थे. सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि वह एक मल्टी-डाेर काेर्टहाउस की ओर बदलाव की कल्पना करते हैं, जहां काेर्ट सिर्फ ट्रायल की जगह नहीं, बल्कि विवाद समाधान के लिए एक व्यापक केंद्र हाे. मीडिएशन काे सफल और किफायती के ताैर पर स्वीकार किया जा रहा है. यह दाेनाें पक्षाें के लिए भिन्न-भिन्न स्थिति है, क्याेंकि यह एक सेटलमेंट है.
 
मीडिएशन के मामले में, काेई भी मीडिएटर किसी भी पक्ष पर कुछ भी थाेपेगा नहीं. यह सिर्फ वही है जाे वे चाहते हैं. सुप्रीम काेर्ट ने स्टेकहाेल्डर्स काे एक संदेश देने के लिए ‘मीडिएशन फाॅर नेशन’ पहल शुरू की है.यह संदेश न केवल न्याय के उपभाेक्ताओं के लिए है, बल्कि बार और बेंच जैसे सीधे स्टेकहाेल्डर्स के लिए भी है. अगर लाेग खुद काे संवेदनशील बनाते हैं, ताे वे इस बात से अवगत हाे जाते हैं कि मीडिएशन एक सफल टूल है. इससे अच्छे परिणाम मिलेंगे, और ऐसा वास्तव में हुआ है. मीडिएशन वह प्रक्रिया है, जाे पुराने और नए मामलाें के लिए भी कारगर है.यह प्री-लिटिगेशन स्टेज के लिए भी जारी रहेगा, यहां तक कि मामला काेर्ट में ले जाने से पहले भी. सीजेआई ने कहा कि विवादाें के निपटारे में मीडिएशन काे ट्रायल के विकल्प के ताैर पर अपनाने के लिए जागरूकता जरूरी है.