प्रशांत जगताप ने प्रगतिशील विचारों को ही चुना

दादर में कांग्रेस पार्टी में प्रवेश के दौरान विजय वडेट्टीवार ने कहा

    27-Dec-2025
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पुणे/मुंबई, 26 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पुणे मनपा की आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में राष्ट्रवादी कांग्रेस के दोनों गुटों के एकत्र आने की गतिविधियों का राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार) पार्टी के शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने कड़ा विरोध किया था. इस नाराजगी के कारण उन्होंने शहराध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल व कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार की उपस्थिति में प्रशांत जगताप ने मुंबई में औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया. दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस अलग होने के बाद प्रशांत जगताप ने शरद पवार का साथ दिया. कई बार जगताप पर प्रेशर पड़ने के बावजूद उन्होंने शरद पवार का साथ नहीं छोड़ा. लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार को जिताया. बाद में विधानसभा चुनाव में भी कड़ी टक्कर महायुति के उम्मीदवार को दी. इस दौरान कार्यकर्ताओं को अच्छी ताकत देकर मनपा चुनाव महाविकास आघाड़ी के साथ मिलकर लड़ने की रणनीति भी बनाई थी. ऐन मौके पर अजित पवार के साथ मिलकर मनपा चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी द्वारा लिए जाने का जगताप ने विरोध किया. अपनी राय बार-बार नेताओं के सामने रखकर भी इसमें कोई बदलाव नहीं हो रहा था. दोनों दल एक होने को तैयार दिखाई दे रहे थे, इसलिए पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया. उसके बाद प्रभाग की जनता और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर कांग्रेस पार्टी में प्रवेश करने का निश्चय किया और शुक्रवार को कांग्रेस में प्रवेश किया. जगताप के पार्टी प्रवेश के दौरान विजय वडेट्टीवार ने कहा कि आज प्रशांत जगताप कांग्रेस में शामिल हुए हैं. जगताप जैसे विचारों के प्रति प्रतिबद्ध और मूल्य आधारित राजनीति करने वाले नेता कांग्रेस को चाहिए. कुछ जातिवादी दलों ने जगताप को प्रस्ताव दिए थे, लेकिन उन्होंने उन्हें ठुकराकर कांग्रेस का मार्ग चुना. वडेट्टीवार ने आगे कहा कि नगर परिषदों में मिली सफलता परिवर्तन लाने वाली सिद्ध होगी. 
 
शिव-शाहू-आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाऊंगा
 पार्टी प्रवेश करने के बाद प्रशांत जगताप ने कहा, कांग्रेस पार्टी की 135 वर्षों की यात्रा है. पूर्व पार्टी को छोड़कर यहां शामिल हो रहा हूं. पूर्व पार्टी के नेताओं का मैं आभार व्यक्त करता हूं. किसी विवाद के कारण मैं बाहर नहीं निकला हूं. गांधी, नेहरू और शिव-शाहू-आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए मैंने यहां प्रवेश किया है. मेरी लड़ाई भाजपा विरोधी, संघ विरोधी और आतंक फैलाने वालों के खिलाफ है. अपराध के मामले में पुणे पहले स्थान पर है. भ्रष्टाचार में महाराष्ट्र पहले और पुणे भी पहले स्थान पर है. पुणे भाजपा के नियंत्रण में है, ऐसी आलोचना प्रशांत जगताप ने की. मैं 26 वर्षों तक राष्ट्रवादी कांग्रेस में रहा. मैंने कभी भी माध्यमों से कुछ नहीं कहा. आगे भी मैं वही करूंगा. पार्टी के साथ रहकर लगातार काम करूंगा. ऐसी भावनाएं प्रशांत जगताप ने व्यक्त कीं.