केसर का वानस्पतिक नाम ‘क्राेकस सैटाइवस’ हैं.अंग्रेजी में केसर काे सैफरन, बांग्ला और उर्दू में जाफरान, संस्कृत में कुंकुम और अरूण, तमिल में कुगुपमु और तेलगु में कुकुपमवा नाम से जाना जाता है.केसर दुनिया का सबसे पुराना मसाला हाेने के साथ सबसे महंगा मसाला भी है.एक पाैंड केसर में लगभग 25 हजार से 50 हजार वर्तिकाग्र (मादा पुष्प का जायांग) हाेते हैं, जिन्हें 75 हजार फूलाें से बनाया जाता है. केसर की कीमत बात पर निर्भर करती है कि वर्तिका काे किस तरीके से सुखाया गया है. कश्मीर में फूलाें से वर्तिका काे हाथ से चुनकर और फिर तरतीब से एक-एक काे रखकर सुखाया जाता है. यही आला दर्जे का जाफरान या शाही केसर कहलाता है. फूलाें काे तीन से पांच दिन धूप में सुखाकर छड़ी से पीटकर माेटी चलनी से छान लिया जाता है. छनी हुई सामग्री काे पानी में डालकर जाे सामग्री पानी के तल में बैठ जाती है, उसे निकालकर सुखा लिया जाता है. यह दूसरे दर्जे का जाफरान या ‘माेगरा केसर’ कहलाता है. इन्हीं फूलाें से अलग किए हिस्साें काे एक बार और छड़ी से पीटकर पानी में डाल देते हैं.पानी के तल में बैठ जाने वाली सामग्री सुखा लेते हैं. यह तीसरे दर्जे का जाफरान या ‘लच्छा केसर’ कहलाता है.