2400 कराेड़ के घाेटाले में मुंबई सहित 15 स्थानाें पर ईडी ने एकसाथ छापेमारी की.झारखंड के चर्चित सीए नरेश केजरीवाल के ठिकानाें पर एकसाथ कार्रवाई की गयी. सूरत में भी ऑफिस पर रेड, यूएई, अमेरिका, नाइजीरिया में शेल कंपनियाें के जरिए फर्जीवाड़ा किया था. इस छापेमारी के दाैरान 900 कराेड़ से ज्यादा बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश हुआ.1500 कराेड़ का हवाला काराेबार कर धाेखाधड़ी की, उनके नजदिकियाें, रिश्तेदाराें के यहां भी तलाशी अभियान चलाया.रांची के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है.
ईडी की टीमें ऋएचअ की धारा 37 के तहत सुबह रांची, मुंबई और सूरत स्थित उनके ठिकानाें, परिवार के सदस्याें और व्यापारिक सहयाेगियाें के परिसराें पर एक साथ छापेमारी कर की. इस कार्रवाई ने राज्य के काराेबारी और वित्तीय जगत में हलचल मचा दी है.
यह छापेमारी आयकर विभाग की उन पूर्व खाेजाें के आधार पर की जा रही है, जिनमें कुछ चाैंकाने वाले खुलासे सामने आए थे. जांच रिपाेर्टाें के अनुसार, नरेश केजरीवाल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), नाइजीरिया और अमेरिका में कई अघाेषित विदेशी शेल संस्थाओं काे नियंत्रित करते पाए गए.इन संस्थाओं का संचालन भारत से ही किया जाता था, जिससे इनकी वास्तविकता पर संदेह और गहरा गया.
आयकर विभाग के अनुसार, इन शेल कंपनियाें में 900 कराेड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गई है, जाे किसी वैध स्राेत से मेल नहीं खाती.इतना ही नहीं, इन विदेशी खाताें और संस्थाओं के माध्यम से लगभग 1,500 कराेड़ रुपये फर्जी टेलीग्राफिक ट्रांसफर के जरिए भारत में वापस भेजे गए. यह लेनदेन हवाला और अवैध क्राॅस-बाॅर्डर फंडिंग की आशंका काे और मजबूत करता है.जांच में पाया गया कि नरेश केजरीवाल ने इन विदेशी संस्थाओं, खाताें और लेनदेन का वैधानिक फाइलिंग में कहीं भी उल्लेख नहीं किया. संपत्तियाें काे छुपाने और बड़े स्तर पर अवैध फंड लेयरिंग की आशंका काे देखते हुए ईडी ने अब इन परिसराें की तलाशी काे बेहद जरूरी माना.अधिकारियाें के अनुसार, यह विदेशी शेल कंपनियां अवैध धन काे एक देश से दूसरे देश तक घुमाने और स्राेत छिपाने का प्रमुख माध्यम रही हाेंगी.