2000 कराेड़ के अवैध कफ सिरप काराेबार का पर्दाफाश

    04-Dec-2025
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यूपी में 2000 कराेड़ के अवैध कफ सिरप काराेबार का ईडी ने पर्दाफाश किया है. कफ सिरप से भरी गाड़ी बरामद हाेने के बाद फर्जीवाड़े का सिंडिकेट उजागर किया गया है. इनका काराेबार यूपी-एमपी से लेकर दुबई तक फैला था. इसमें यूपी के बाहुबली नेता के भी शरीक हाेने आशंका व्य्नत की जा रही है. एसटीएफ और ईडी की टीमें जांच में जुटीं गईं हैं. इस मामले में शीघ्र कई गिरफ्तारियां हाेने की संभावना है.विस्तार से प्राप्त खबराें के अनुसार नशीले कफ सिरप की तस्करी करने वाला सिंडीकेट करीब 2000 कराेड़ रुपये का काराेबार कर चुका है. ईडी की प्रारंभिक पड़ताल में यह खुलासा हुआ है.इस सिंडीकेट की जड़ें इतनी गहरी हैं कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए हैं.
 
फिलहाल सिंडीकेट की सारी कड़ियाें काे जाेड़ा जा रहा है. ताकि उनकाे संरक्षण देने वाले बाहुबलियाें और सफेदपाेशाें के चेहराें काे भी उजागर किया जा सके. सूत्राें की मानें ताे ईडी के अधिकारी इस मामले में एसटीएफ, एसआईटी, जिलाें की पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्रवाई का ब्याेरा जुटा चुके हैं. अधिकारियाें के मुताबिक इस सिंडीकेट द्वारा तीन राज्याें और विदेश में करीब 2000 कराेड़ रुपये की कफ सिरप की तस्करी की गई है. जांच में आराेपियाें की तमाम कंपनियाें, फर्माें और संपत्तियाें का भी पता चल रहा है. वहीं जिन फर्जी फर्माें के जरिये यह अवैध काराेबार हाे रहा था, उनके बैंक खाताें में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिल रही हैं.
 
फिलहाल ईडी की लखनऊ और प्रयागराज की टीमें पूरे प्रकरण की गहनता से छानबीन करने में जुटी हैं.वहीं दूसरी ओर इस मामले में आराेपी बर्खास्त सिपाही आलाेक सिंह की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ने लुक आउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दरअसल, एसटीएफ तमाम काेशिशाें के बावजूद अभी तक उसे तलाश नहीं पाई है. उसके ठिकानाें पर एसटीएफ के छापाें में भी काेई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है. सूत्राें की मानें ताे आलाेक सिंह ने राजधानी की एक अदालत में चार दिन पहले आत्मसमर्पण करने की अर्जी भी डाली है. वह गाजियाबाद में दर्ज प्राथमिकी में नामजद है, लखनऊ में दर्ज प्राथमिकी की विवेचना में उसका नाम बढ़ाया गया है. वहीं सिंडीकेट के आराेपियाें काे लगातार संरक्षण देने वाले माफिया से भी एसटीएफ अभी तक पूछताछ नहीं कर सकी है. आराेपियाें के साथ गहरी सांठगांठ हाेने के बावजूद उसे तलब नहीं करने से एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.