कौशल, मेहनत और हौसला : सफलता का नया सूत्र

विभिन्न पेशों से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण सलाह : करियर चुनना जीवन के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक

    07-Dec-2025
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पुणे, 6 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

करियर चुनना जीवन के सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक है. हर क्षेत्र की चुनौतियां और सीख अलग होती हैं, लेकिन सफलता का आधार सदैव मेहनत, कौशल और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति ही रहती है. इस बारे में प्रो. रेणु अग्रवाल ने दै.आज का आनंद के लिए विभिन्न पेशों से जुड़े अनुभवी लोगों से बातचीत की. जिन्होंने विद्यार्थियों और युवाओं के लिए अपने अनुभव साझा किए हैं, जो करियर निर्माण की दिशा में उपयोगी हैं. प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश
- प्रो. रेणु अग्रवाल (मो. 8830670849)
 कौशल, मेहनत और हौसला : सफलता का नया सूत्र

आईटी क्षेत्र में निरंतर सीखने की आवश्यकता मेरी उम्र 27 वर्ष है और मैं कंप्यूटर इंजीनियर हूं. पिछले 5-6 वर्षों से एक आईटी कंपनी में कार्यरत हूं. आज प्रतिस्पर्धा इतनी बढ़ गई है कि हर जगह स्वयं को साबित करना पड़ता है, इसलिए सीखते रहना और खुद को अपडेट रखना बेहद आवश्यक है. मैं विद्यार्थियों को यही सलाह दूंगा कि कैरियर का चुनाव स्वयं करें और पूरी लगन व मेहनत से पढ़ाई करें. कैंपस इंटरव्यू में नौकरी मिले या न मिले, अवसर बाहर भी अनेक ह. ैंबस कोशिश और कौशल की जरूरत है. जीवन में हर दिन नई चीज सीखते हुए आगे बढ़ना ही असली सफलता है. - आकाश अग्रवाल, टिंगरे नगर
 

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फैशन डिजाइनिंग आधारित सफल करियर

मेरी उम्र 47 वर्ष है और मैं पिछले 24 वर्षों से अपना सिलाई बुटीक चला रही हूं. ग्राहकों की पसंद के अनुसार डिजाइन तैयार करना और उन्हें संतुष्ट देखना ही मेरा सबसे बड़ा आनंद है. हम शाहू नगर में लेडीज गारमेंट्स बनाते हैं और सिलाई प्रशिक्षण भी देते हैं, जहां से कई छात्राएं सीखकर आज अपना बुटीक चला रही हैं. मेरा सुझाव है कि केवल डिग्री ही नहीं, कौशल भी उतना ही जरूरी है. फैशन डिजाइनिंग कमाई और पहचान देने वाला क्षेत्र है, इसलिए रोजगार की जगह उद्यमिता अपनाएं और अपने साथ दूसरों को भी अवसर दें. - शुभा लांघे, शाहू नगर
 

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सिविल इंजीनियरिंग डिग्री से अधिक जरूरी

फील्ड स्किल्स मैं सिविल इंजीनियर हूं और संयुक्त परिवार में रहता हूं. इस क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैंस्किल्ड लेबर की कमी, मौसम की बाधाएं, मटेरियल क्वालिटी का असफल होना, मशीनरी समस्या आदि. विद्यार्थियों से मेरा आग्रह है कि सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि फील्ड स्किल्स और प्रैक्टिकल नॉलेज पर ध्यान दें. साइट की वास्तविकता किताबों से अलग होती है, इसलिए इंटरर्नशिप अवश्य करें. ड्रॉइंग, मेजरमेंट एवं कम्युनिकेशन मजबूत रखें. शुरुआत में आय कम हो सकती है, पर अनुभव और क्षमता आपको आगे बढ़ाते हैं. मेहनत के साथ स्मार्ट प्लानिंग, क्वालिटी और सेफ्टी बैलेंस करने वाला इंजीनियर ही सफल होता है क्योंकि हम दुनिया का निर्माण करते हैं. -शुभम सुनील भंडारी, कैंटोन्मेंट एरिया
 

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वकालत सही का साथ देने का दायित्व

मेरी उम्र 48 वर्ष है और मैं 2003 से वकालत कर रहा हूं. धार्मिक कार्यक्रमों में रुचि होने के कारण समाज से भी जुड़ा रहता हूं. वकालत आसान नहीं है. पक्षकार को न्याय दिलाना जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का काम है. सही-गलत में अंतर पहचानकर सही पक्ष का समर्थन करना ही वकील का धर्म है. यदि कोई केवल धन कमाने के उद्देश्य से गलत का साथ देता है, तो कानून पर लोगों का वेिशास कमजोर हो सकता है. इसलिए इस क्षेत्र में आने वालों को सत्य और न्याय के मार्ग पर दृढ़ रहना चाहिए. -उद्धव बाबूराव वाघ, श्रीराम नगर
 

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वकालत और सामाजिक जागरूकता का संतुलित जीवन

मेरी उम्र 40 वर्ष है और मैं वानखेड़े नगर का निवासी हूं. परिवार में पत्नी, तीन बेटियां, एक बेटा और माताजी के साथ संयुक्त रूप से रहता हूं. मेरा पेशा वकालत है, साथ-साथ खेती और सामाजिक गतिविधियों में भी रूचि रखता हूं. हमारा पेशा समाज में कानूनी जागरूकता फैलाने का अवसर देता है और वकीलों का संगठन भी संकट में एक-दूसरे का साथ देता है. जो विद्यार्थी वकील बनना चाहते हैं, वे हिंदी, अंग्रेजी और मराठी तीनों भाषाओं में दक्ष हों. सफलता के लिए लगन और मेहनत का कोई विकल्प नहीं, मेहनत करेंगे तो हर क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. -एड. मिर्जा जावेद बेग, वानखेड़े नगर

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